नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के विधायक कैसर जमशेद लोन ने शुक्रवार को कहा कि जब वह किशोर थे तब एक सैन्य अधिकारी द्वारा ‘‘प्रताड़ित और अपमानित'' किए जाने के बाद वे उग्रवादी बनना चाहते थे लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी के कदमों ने व्यवस्था में उनका विश्वास बहाल कर दिया. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उपराज्यपाल अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किए जाने के दौरान लोन ने कहा कि वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने उनसे बात की और फिर कनिष्ठ अधिकारी को उसके आचरण के लिए फटकार लगाई.
लोलाब से विधायक लोन ने कहा कि यह घटना दर्शाती है कि बातचीत से किस तरह मुद्दों का समाधान हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं युवा था, तब मेरे इलाके में सैन्य कार्रवाई की गई थी. मैं उस समय शायद 10वीं कक्षा का छात्र था. मुझे मिलाकर 32 युवाओं को पूछताछ के लिए चुना गया था.''
लोन ने दावा किया कि एक सैन्य अधिकारी ने उनसे एक ऐसे युवक के बारे में पूछा जो आतंकवादी संगठनों में शामिल हो गया था. सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक ने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा कि हां, मैं उसे जानता हूं क्योंकि वह हमारे इलाके में रहता था. इसके लिए मुझे पीटा गया. फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या कार्रवाई के दौरान आतंकवादी मौजूद था. मैंने ना में जवाब दिया और मेरी फिर से पिटाई की गई.''
वरिष्ठ अफसर नेे पूछा, क्या बनना चाहते हो?
उन्होंने बताया कि बाद में एक वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर आए और उनसे बात की. एनसी के नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझसे पूछा ‘तुम जीवन में क्या बनना चाहते हो?' मैंने उनसे कहा कि मैं एक उग्रवादी बनना चाहता हूं. उन्होंने मुझसे इसका कारण पूछा और मैंने उन्हें अपने साथ हुई यातना के बारे में बताया.''
लोन ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी ने अपने कनिष्ठ को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई जिससे उनका ‘‘व्यवस्था में विश्वास बहाल'' हुआ. उन्होंने कहा कि बाद में उन्हें पता चला कि जिन 32 युवकों से पूछताछ की गई थी उनमें से 27 युवक उग्रवादी बन गए.
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