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This Article is From Feb 19, 2013

हेलीकॉप्टर सौदा : सुरक्षा बलों के आधुनिकीकरण पर मंडराया खतरा!

हेलीकॉप्टर सौदा : सुरक्षा बलों के आधुनिकीकरण पर मंडराया खतरा!
नई दिल्ली: ऑगस्टावेस्टलैंड से हेलीकॉप्टर डील पर उठे विवाद के बाद देश के सुरक्षा बलों के आधुनिकीकरण के सामने प्रश्न खड़े हो गए हैं।

सीबीआई द्वारा हेलीकॉप्टर सौदे की जांच के बीच सेनाओं को यह चिंता सताने लगी है कि कहीं 1970 और 1980 के दशक के हथियारों के आधुनिकीकरण में समस्या न आए। इन लोगों का मानना है कि कहीं फिर से भारत को रूस पर ही निर्भर न होना पड़े।

रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा कि हर खरीद पर प्रश्न नहीं उठाए जाने चाहिए। हमें पड़ोसियों की बदौलत जल्द आधुनिकीकरण पर ध्यान देना चाहिए। वहीं, सूत्रों का कहना है कि चॉपर सौदे में सीबीआई जांच के बाद अधिकारी इस मामले में कुछ धीमे हो गए हैं।

पिछले पांच सालों में भारतीय नौसेना ने तेजी से खर्च कर आधुनिकीकरण किया है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में सबसे ज्यादा नुकसान नौसेना का होगा। नौसेना 16 मल्टी रोल हेलीकॉप्टर खरीद के मामले में दाम पर बात कर रही है।

सूत्रों का कहना है कि अगर ऑगस्टावेस्टलैंड को प्रतिबंधित किया जाता है तो इस कंपनी के साथ यूरोकॉप्टर के उपक्रम से लिए जा रहे हेलीकॉप्टरों की पिछले 13 साल से जारी प्रक्रिया को एक बार फिर आरंभ करना पड़ेगा।

ये नए हेलीकॉप्टरों पुराने पड़े सीकिंग हेलीकॉप्टरों को बदलने के लिए खरीदे जा रहे थे। इन हेलीकॉप्टरों की जरूरत में पनडुब्बियों के संभावित हमले से सुरक्षा के लिए आवश्यक है।

इनके अलावा 56 हल्के हेलीकॉप्टरों की खरीद का भी भारतीय नौसेना प्रयास कर रही है। इन खरीदारी में भी ऑगस्टावेस्टलैंड एक बोली कर्ता है।

वहीं, भारतीय सेना भी तोप और बंदूकें खरीदने का इंतजार कर रही है। पिछली बार 1987 में बोफोर्स तोप खरीदी गई थीं।

इससे पहले चार विदेशी कंपनियों को गलत काम करने की वजह से प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ और कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने से प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी। इससे पहले रक्षा बजट में 14000 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी।

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