विज्ञापन
This Article is From Dec 19, 2021

"...ऐसे ST से छीना जाए आरक्षण', VHP नेता बोले संविधान संशोधन के लिए सांसदों से करेंगे अपील

VHP नेता ने कहा, "यदि ऐसा है तो संविधान या कानून में संशोधन किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दूसरे धर्म में परिवर्तित होने वाले आदिवासियों को संविधान के तहत अनुसूचित जनजातियों को प्रदान की जाने वाली आरक्षण और अन्य सुविधाओं का लाभ न मिल सके."

"...ऐसे ST से छीना जाए आरक्षण', VHP नेता बोले संविधान संशोधन के लिए सांसदों से करेंगे अपील
विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार.
नई दिल्ली:

विश्व हिन्दू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार (Alok Kumar) ने कहा है कि ऐसे अनुसूचित जनाजाति (Schedule Tribe) के लोगों से संविधान द्वारा दी गई आरक्षण (Reservation) की सुविधा छीन ली जानी चाहिए, जिन्होंने धर्मांतरण कर लिया हो. नई दिल्ली में शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में विहिप नेता ने कहा कि जिस तरह धर्म बदलने पर अनुसूचित जाति के लोगों का आरक्षण खत्म हो जाता है, उसी तरह से  ST समुदाय के उन लोगों का भी आरक्षण खत्म होना चाहिए, जिन्होंने दूसरे धर्म को अपना लिया है.

कुमार ने कहा, जनजातीय समुदाय के जिन लोगों ने दूसरी पूजा पद्धति अपना ली हो या दूसरे धर्म का आचरण स्वीकार कर लिया हो, उन्हें संविधान प्रदत्त आरक्षण की सुविधा मिलनी बंद होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर अनुसूचित जाति के लोगों की आरक्षण सुविधा खत्म होने का प्रावधान पहले से ही है.

SC का बड़ा फैसला : महाराष्ट्र स्थानीय चुनाव में OBC आरक्षण नहीं मिलेगा, आरक्षित सीटें सामान्य सीटों में तब्दील

VHP नेता ने कहा, "यदि ऐसा है तो संविधान या कानून में संशोधन किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दूसरे धर्म में परिवर्तित होने वाले आदिवासियों को संविधान के तहत अनुसूचित जनजातियों को प्रदान की जाने वाली आरक्षण और अन्य सुविधाओं का लाभ न मिल सके."

कुमार ने कहा कि वह और अधिक सांसदों से अपील करेंगे ताकि इस बारे में संविधान संशोधन बिल या कोई बिल संसद में लाया जा सके. उन्होंने कहा, "हम देश में धर्मांतरण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए और अधिक सांसदों तक पहुंचना जारी रखेंगे."

संवैधानिक प्रावधानों और मौजूदा कानून के मुताबिक, केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों की नौकरियों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों  में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए क्रमशः 15%, 7.5% और 27% सीटें आरक्षित हैं. इनके अलावा कई लोकसभा और विधान सभा सीटें भी SC/ST समुदाय के लिए आरक्षित की गई हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में ST की आबादी 8.6 फीसदी यानी 10.42 करोड़ है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com