उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
फिल्म 'पद्मावती' को लेकर जारी विवाद के बीच उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि हिंसक धमकियां देना और किसी को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए इनाम की घोषणा करना लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है. हालांकि साफ तौर पर उन्होंने इस विवाद का जिक्र नहीं किया, लेकिन सामान्य तौर से फिल्मों और कला का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने देश में कानून के राज के उल्लंघन के खिलाफ चेतावनी दी. यहां एक साहित्य समारोह में नायडू ने कहा कि अभी कुछ फिल्मों को लेकर नई समस्या पैदा हो गई है, जहां कुछ लोगों को लगता है कि उन्होंने कुछ धर्मों या समुदायों की भावनाओं को आहत किया है, और इस वजह से प्रदर्शन हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करने के दौरान कुछ लोग अतिरेक में बह जाते हैं और इनाम की घोषणा कर देते हैं.
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उपराष्ट्रपति ने कहा, 'इन लोगों के पास इतना धन है भी या नहीं, मुझे संदेह है. सभी एक करोड़ रुपये इनाम की घोषणा कर रहे हैं. क्या एक करोड़ रुपये उपलब्ध होना इतना आसान है?' उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र में यह स्वीकार्य नहीं है. आपको लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, सक्षम प्राधिकार के पास जाएं.... आप शारीरिक अवरोध पैदा नहीं कर सकते और हिंसक धमकियां नहीं दे सकते. कानून के शासन का उल्लंघन ना करें.'
VIDEO : विरोध के बाद पद्मावती की रिलीज टली
इस पर जोर देते हुए कि वह किसी फिल्म विशेष के संबंध में नहीं बल्कि सभी फिल्मों और कलाओं के बारे में बात कर रहे हैं नायडू ने पहले प्रतिबंधित फिल्मों जैसे 'गर्म हवा', 'किस्सा कुर्सी का' और 'आंधी' का हवाला दिया. उनकी टिप्पणी वर्तमान परिस्थितियों में काफी महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि फिल्मकार संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ कथित छेड़खानी के आरोपों को लेकर बहुत विवाद चल रहे हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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उपराष्ट्रपति ने कहा, 'इन लोगों के पास इतना धन है भी या नहीं, मुझे संदेह है. सभी एक करोड़ रुपये इनाम की घोषणा कर रहे हैं. क्या एक करोड़ रुपये उपलब्ध होना इतना आसान है?' उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र में यह स्वीकार्य नहीं है. आपको लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, सक्षम प्राधिकार के पास जाएं.... आप शारीरिक अवरोध पैदा नहीं कर सकते और हिंसक धमकियां नहीं दे सकते. कानून के शासन का उल्लंघन ना करें.'
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इस पर जोर देते हुए कि वह किसी फिल्म विशेष के संबंध में नहीं बल्कि सभी फिल्मों और कलाओं के बारे में बात कर रहे हैं नायडू ने पहले प्रतिबंधित फिल्मों जैसे 'गर्म हवा', 'किस्सा कुर्सी का' और 'आंधी' का हवाला दिया. उनकी टिप्पणी वर्तमान परिस्थितियों में काफी महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि फिल्मकार संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ कथित छेड़खानी के आरोपों को लेकर बहुत विवाद चल रहे हैं.
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