- लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान करेंगे. राधाकृष्णन और सुदर्शन रेड्डी उम्मीदवार हैं
- मतदान सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक चलेगा, और देर शाम तक चुनाव परिणाम घोषित होने की संभावना है
- मतगणना में वैध वोटों की संख्या आधे से अधिक पहली पसंद के वोट पाने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाएगा
मंगलवार को देश के नए उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव हो रहे हैं. लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य अपने वोट के जरिए ये फैसला करेंगे कि सी.पी. राधाकृष्णन और बी. सुदर्शन रेड्डी में से अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा. राधाकृष्णन एनडीए के उम्मीदवार हैं, जिनका सीधा मुकाबला विपक्षी दलों के संयुक्त प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी से है. मतदान सुबह 10 बजे शुरू होगा और शाम 5 बजे तक चलेगा. मंगलवार को ही देर शाम तक नतीजे घोषित होने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह दस बजे वोट डालेंगे. उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर एनडीए ने पोलिंग एजेंट की नियुक्ति भी कर दी है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजु, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और टीडीपी नेता राम मोहन नायडू और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे सी पी राधाकृष्णन के पोलिंग एजेंट होंगे.

अंतरराष्ट्रीय अंक प्रणाली, रोमन या किसी भी भारतीय भाषा में अंक लिखे जा सकते हैं. आवश्यक नहीं है कि एक से अधिक पसंद लिखनी हो.
मतगणना की प्रक्रिया
वहीं मतगणना के लिए सबसे पहले सभी बैलेट पेपर की छंटनी की जाएगी. वैध और अवैध बैलेट पेपर अलग किए जाएंगे. इसके बाद वैध वोटों की संख्या के हिसाब से कोटा तय होगा. वैध वोटों की संख्या को दो से विभाजित कर एक जोड़ने पर कोटा आएगा. उदाहरण के लिए अगर कुल वैध वोट 700 हैं तो कोटा 351 होगा. पहली पसंद के वोट जिस उम्मीदवार को कोटे से अधिक मिलेंगे, वह विजयी घोषित होगा.

बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने एनडीटीवी से प्रधानमंत्री मोदी के सांसदों को दिए गए निर्देश और संसद में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मॉकड्रिल पर बात की. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में हमारे उम्मीदवार को कम से कम 437 सांसदों का समर्थन मिलेगा, करीब 56% वोट हमारे हक में आएंगे. सारंगी ने कहा कि हमारा अनुमान है कि विपक्ष को 323 सांसदों से ज्यादा का समर्थन नहीं मिल सकेगा.
वहीं टीडीपी संसदीय दल के नेता लवू कृष्णा ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए की रणनीति पर एनडीटीवी से कहा कि मैं कॉन्फिडेंट हूं कि एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के समर्थन में हमें 440 से 450 वोट मिलेंगे. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ टीडीपी सांसदों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है. मुझे विश्वास है कि ऐसे कई गैर भाजपा, गैर कांग्रेस दलों और निर्दलीय सांसदों का हमें समर्थन मिलेगा. टीडीपी के 16 लोकसभा और दो राज्यसभा सांसद हैं. उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि वोटिंग 10 बजे शुरू होगी और 11 बजे तक सभी टीडीपी सांसद अपना वोट डाल देंगे. टीडीपी के राष्ट्रीय महासचिव नारा लोकेश के नेतृत्व में दिल्ली में पार्टी की संसदीय दल की बैठक भी हुई है.

सांसदों ने अंतरात्मा की आवाज सुनी, तो इंडिया ब्लॉक की जीत सुनिश्चित- कांग्रेस सांसद
कांग्रेस का कहना है कि उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर हम पूरी तरह से तैयार हैं और उनके वोटिंग की तैयारी के कारण एनडीए घबरा गया है. वे लगातार बैठकें कर रहे हैं. इससे पहले तो फरमान जारी कर दिया जाता था. कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि यदि सभी सांसदों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी, तो इंडिया ब्लॉक की जीत सुनिश्चित होगी.
इधर हनुमान बेनीवाल और चन्द्रशेखर आजाद ने विपक्षी दलों के साझा उम्मीदवार बीएस सुदर्शन से मुलाक़ात की और उन्हें अपना समर्थन देने का फैसला किया है. हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और चंद्रशेखर आज़ाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी है. दोनों अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं. असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी एआईएमआईएम ने भी चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला किया है.

उपराष्ट्रपति चुनाव 'एनडीए बनाम इंडी गठबंधन' नहीं- बी सुदर्शन रेड्डी
विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने हनुमान बेनीवाल और चंद्रशेखर आजाद के समर्थन पर कहा कि मैं दोनों सांसदों का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे हर कदम पर अपना समर्थन दिया. उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई कि उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव को 'एनडीए बनाम इंडी गठबंधन' के तौर पर देखा जा रहा है. मुझे ऐसे सांसदों का भी सपोर्ट मिल रहा है जो एनडीए या फिर इंडिया ब्लॉक में भी नहीं हैं. उन्होंने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का जिक्र करते हुए कहा कि वे न ही इंडिया ब्लॉक में हैं और न ही एनडीए में हैं.
मतदान से दूर रहेगी बीजेडी और बीआरएस
इधर तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और ओडिशा की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) ने उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है. बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में यूरिया की कमी को लेकर तेलंगाना के किसानों की 'पीड़ा' व्यक्त करने के लिए उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी. वहीं बीजू जनता दल ने कहा कि उसने राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और कांग्रेस-नीत ‘इंडिया' गठबंधन से 'समान दूरी बनाए रखने' की अपनी नीति के तहत यह निर्णय लिया है.

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी ने कहा है कि मतदान संसद भवन के कमरा संख्या एफ-101, वसुधा में होगा. देश के 17वें उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए, निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में पांच सीटें रिक्त हैं), तथा 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में एक सीट रिक्त है) शामिल हैं. निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य (वर्तमान में 781) हैं.
विभिन्न दलों द्वारा दिए गए समर्थन को आधार बनाकर आंकड़ों के लिहाज से देखें तो राजग उम्मीदवार का पलड़ा भारी है. हालांकि विपक्ष के उम्मीदवार रेड्डी बार-बार यह कहकर अपनी दावेदारी को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं कि लड़ाई वैचारिक है तथा यह मतदान सिर्फ उप राष्ट्रपति चुनने के लिए नहीं है, बल्कि भारत की भावना के लिए है.

चुनाव से एक दिन पहले, विपक्ष के सांसदों ने एकजुटकता प्रकट करते हुए बैठक की और ‘मॉक' (प्रतीकात्मक) मतदान में हिस्सा लिया, ताकि मंगलवार को मतदान के बाद उनका एक-एक वोट वैध करार हो. विपक्षी सांसदों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि उनका वोट बर्बाद न हो, क्योंकि पिछली बार कुछ वोट अवैध घोषित कर दिए गए थे. इस बीच, राजग ने भी चुनाव प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए अपने सांसदों की बैठक की. सदस्यों ने ‘मॉक' मतदान में भी भाग लिया.
झारखंड और महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे हैं राधाकृष्णन
इस बार दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं. राजग उम्मीदवार राधाकृष्णन तमिलनाडु की एक प्रमुख ओबीसी जाति गौंडर से आते हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि से हैं. राधाकृष्णन को 2023 में झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था और फिर जुलाई 2024 में महाराष्ट्र स्थानांतरित कर दिया गया था. वह 1998 में कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 में वह फिर से इस सीट से लोकसभा के लिए चुने गए.

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं रेड्डी
विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार रेड्डी उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं और गोवा के लोकायुक्त रहे हैं. वह हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थम् एवं मध्यस्थता केंद्र के न्यासी बोर्ड के सदस्य भी हैं. रेड्डी जुलाई 2011 में शीर्ष अदालत से सेवानिवृत्त हुए थे. उन्होंने एक फैसले में, नक्सलियों से लड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गठित सलवा जुडूम को असंवैधानिक घोषित कर दिया था. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में रेड्डी ने विदेश में बैंक खातों में अवैध रूप से रखे गए बेहिसाब धन को वापस लाने के लिए सभी कदम उठाने के वास्ते एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया था.
संसद के हालिया मानसून सत्र के दौरान जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनका कार्यकाल दो साल बचा हुआ था. इनके इस्तीफे के कारण यह चुनाव हो रहा है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं