विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में ब्राह्मण विरोधी नारे लिखने वालों को शनिवार को ‘‘कायर वामपंथी'' करार दिया और कहा कि इस तरह की गतिविधियां विश्वविद्यालय परिसरों में ‘शांति एवं समरसता' में खलल डालने में कभी सफल नहीं होगी.
विहिप ने कहा कि विश्वविद्यालय ने ‘राष्ट्रवाद और समरसता' का विचार अपनाया है, जिसे इस तरह के नारों से कमजोर नहीं किया जा सकता. विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने एक वीडियो बयान में यह भी कहा कि वह आश्वस्त हैं कि जेएनयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस इस घटना की जांच करेगी तथा उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी.
बृहस्पतिवार को जेएनयू परिसर में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज भवन की कई दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिखे पाये गये थे, जिनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की गई थी. कुमार ने इन नारों के पीछे मौजूद लोगों की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘जेएनयू एक अजीब दुनिया है. कुछ कायर वामपंथियों ने रात के अंधेरे में ब्राह्मण भारत छोड़ो नारे लिख दिये.''
उन्होंने कहा, ‘‘और इसके बाद ये बहादुर लड़के सहायक प्राध्यापक परवेश (कुमार) चौधरी के आवास तक गये जो ब्राह्मण नहीं, बल्कि एक दलित हैं और उन्हें वापस जाने को कहते हुए उनके आवास के बाहर एक नारा लिख दिया.'' कुमार ने आरोप लगाया कि प्रोफेसर चौधरी को इसलिए निशाना बनाया गया कि वह विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता है और दलित होने के बावजूद हिंदुत्व का मुखर समर्थन करते हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘टुकड़े-टुकड़े गिरोह के लिए अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करने वाले लोग दूसरों के प्रति काफी असिहष्णु हैं. मैं उनसे कह देना चाहता हूं कि जेएनयू ने अब राष्ट्रवाद और समरसता अपना ली है.''
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