उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आर्थिक सुस्ती को वैश्विक कारकों का 'अस्थाई प्रभाव' बताया और कहा कि भारत पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को 2024-25 तक हासिल कर लेगा. उपराष्ट्रपति ने वैश्विक मामलों की भारतीय परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एक अहम अर्थव्यवस्था और विश्व में अहम भूमिका निभाने वाले देश के रूप में भारत का उभरना तथा अफ्रीका की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था एवं अपना भविष्य खुद निर्धारित करने की उसकी आकांक्षा कुछ ऐसे कारक हैं, जो उनके समकालीन संबंधों को आकार दे रहे हैं.
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उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत 2024-25 में पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखता है. यही बात आर्थिक सर्वेक्षण 2019 में कही गई है. उन्होंने अर्थव्यवस्था में सुस्ती का जिक्र करते हुए कहा, "मित्रों मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत हैं. सुधार के लिए उठाए गए हमारे कदमों से वे स्थिर हैं और दुनियाभर में सुस्ती के कारण भी कुछ अस्थाई प्रभाव हैं."
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उन्होंने कहा, "लेकिन चिंता की बात नहीं है, भारत आगे बढ़ रहा है,आने वाले दिनों में यह तेजी से आगे बढ़ेगा और अपने लक्ष्य को हासिल करेगा."
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