राजस्थान की राजनीति में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election)से पहले काफी हलचल देखने को मिल रही है. जयपुर में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान के उद्घाटन समारोह में भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की उपस्थिति और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot)के साथ उनकी एक तस्वीर ने सियासी हलचल और तेज कर दी है. ये फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में लोग इस तस्वीर अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं.
वसुंधरा ने गहलोत से अलग से मुलाकात की
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान के उद्घाटन के बाद बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की. हालांकि, उन्होंने अशोक गहलोत के साथ मंच साझा नहीं किया. लेकिन कार्यक्रम के बाद वसुंधरा ने गहलोत से अलग से मुलाकात की. इसी दौरान एक फोटो खींची गई, जिसमें वसुंधरा और गहलोत साथ बैठे नजर आ रहे हैं. वसुंधरा राजे पिछले दिनों भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा (Parivartan Sankalp Yatra) में शामिल नहीं हुई थीं. इस पर पहले ही कई सवाल उठाए जा चुके हैं. ऐसे में गहलोत से वसुंधरा की मुलाकात ने एक नई बहस छेड़ दी है.
राजस्थान की सत्ता के लिए खींचतान
तस्वीर में वसुंधरा राजे और गहलोत के साथ राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ भी दिखाई दे रहे हैं. फोटो वायरल होने के बाद, वसुंधरा राजे के कार्यालय को भी मुख्यमंत्री गहलोत के साथ फ्रेम में जोशी और राठौड़ के साथ अपनी तस्वीर साझा करने के लिए मजबूर होना पड़ा. 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा के लिए इस साल के अंत में चुनाव होने हैं, जिसमें भाजपा को कांग्रेस से सत्ता वापस हासिल करने की उम्मीद है. जबकि कांग्रेस अभी भी अशोक गहलोत-सचिन पायलट के झगड़े को शांत करने की कोशिश कर रही है, जिसने 2020 में सरकार को लगभग गिरा दिया था. भाजपा सत्तारूढ़ पार्टी के आंतरिक विभाजन का फायदा उठाने की उम्मीद कर रही होगी.
बीजेपी ने अभी नहीं खोले राजस्थान के लिए पत्ते
भाजपा ने अभी तक राज्य चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, या अपनी रणनीति का कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है. हालांकि, रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि पार्टी सत्तारूढ़ कांग्रेस से मुकाबला करने के लिए वसुंधरा राजे, राठौड़, गजेंद्र सिंह शेखावत और सतीश पूनिया सहित अन्य नेताओं के संयुक्त नेतृत्व पर भरोसा कर रही है. हाल ही में संपन्न परिवर्तन यात्रा सहित राज्य में पार्टी के चुनाव अभियान में चारों नेताओं को समान महत्व दिया जा रहा है.
भाजपा में वसुंधरा के भविष्य को लेकर अटकलें तेज
वसुंधरा राजे की अपने क्षेत्र, हाडोती क्षेत्र, जिसमें कोटा, बूंदी और झालावाड़ शामिल हैं, में परिवर्तन यात्रा के अंतिम चरण में अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए. वसुंधरा राजे झालावाड़ से गायब थीं, जिस निर्वाचन क्षेत्र का उन्होंने पिछले 33 वर्षों से सांसद और विधायक के रूप में प्रतिनिधित्व किया है. वह गुरुवार शाम को कोटा में समाप्त हुई परिवर्तन यात्रा से भी गायब थीं. इससे भाजपा में उनके भविष्य के बारे में अटकलें तेज हो गई हैं.
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