केरल में एंटी रेबीज वैक्सीन पूरी तरह से प्रभावी है. एंटी रेबीज वैक्सीन में कोई कमी नहीं है. केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला में वैक्सीन की जांच के बाद ये बात सामने आई है. केरल में कुत्ते के काटने की घटना बढ़ने और टीका लगने के बाद भी रेबीज से मौत होने पर राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को चिट्ठी लिख कर कहा गया था कि लोगों में वैक्सीन के प्रति डर सता रहा है. लिहाजा, दोबारा से एंटी रेबीज वैक्सीन की जांच की जाए.
राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने जांच के बाद बताया कि रेबीज का टीका पूरी तरह प्रभावी है. टीका लगने के बाद भी मौत की वजह इलाज का तौर-तरीका और देरी बताई गई है. राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्र से तीन सदस्यीय जांच टीम केरल गई और कुत्ते के काटने के बाद हुई सभी मौतों का मेडिकल आंकलन किया गया. इसके बाद टीम की ओर से कहा गया है कि केरल में रेबीज से बचाव के लिए जिस वैक्सीन का इस्तेमाल हुआ है. उसकी सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी में दोबारा जांच हुई है. वो पूरी तरह से प्रभावी है. वैक्सीन की प्रभावहीनता की वजह से मरीजों की मौत नहीं हुई है.
टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कुत्ते के काटने के बाद इलाज की प्रक्रिया और देरी की वजह से मरीजों की मौत हुई है. विशेषज्ञों की टीम ने अपनी रिपोर्ट मे कहा है कि केरल के कुत्ते के काटने के बाद इलाज के मैनेजमेंट को ठीक करने और स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करने की जरुरत है. केरल में महज 30 फीसदी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ही एंटी रेबीज इंजेक्शन पाया गया था.
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