इज़रायल-हमास युद्ध की वजह से अमेरिका ने नई ट्रैवल एडवाइजरी (US New Travel Advisory) जारी की है. सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अमेरिका ने अपने नागरिकों को लेबनान की यात्रा न करने की सलाह दी है. अमेरिका के साथ ही ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और कनाडा ने भी अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. इन देशों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अपने नागरिकों को लेबनान न जाने की हिदायत दी है. अमेरिका ने बेरूत दूतावास में गैर जरूरी कर्मियों और उनके परिवारों को वहां से लौटने के लिए कहा है. विदेश विभाग ने जुलाई में लेबनान के लिए जारी अपनी ट्रैवल एडवाइजरी को स्तर तीन से बढ़ाकर स्तर चार कर दिया. लेबनान में सुरक्षा स्थिति को देखते हुए और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए अमेरिका ने नई ट्रैवल जारी की है. इसके तहत यात्रा न करने की सलाह दी गई है.
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लेबनान की यात्रा करने से बचने की सलाह
7 अक्टूबर के बाद से, इज़राइल-लेबनान बॉर्डर पर आग लगने से करीब 18 लेबनानी मारे जा चुके हैं. सुरक्षा के मद्देनजर अमेरिका के साथ ही फ्रांस ने भी अपने नागरिकों से लेबनान जाने से बचने की अपील की है. जबकि कई पश्चिमी एयरलाइनों ने उड़ानें सस्पेंड कर दी हैं. ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने लेबनान में अपने नागरिकों से कहा है कि वह ये सोचें कि क्या उनको यहां रहने की जरूरत है. अगर जरूरत नहीं है तो यहां से चले जाएं. कनाडा, स्पेन, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया ने भी अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है.
अमेरिका की नई ट्रैवल एडवाइजरी
अमेरिका के स्टेट विभाग ने मंगलवार को एडवाइजरी जारी कर कहा कि इजरायल और हिजबुल्लाह या अन्य सशस्त्र आतंकवादी गुटों के बीच रॉकेट, मिसाइल और तोपखानों के हमलों की वजह से अप्रत्याशित सुरक्षा स्थिति को देखते हुए लेबनान की यात्रा न करें. एडवाइजरी में कहा गया है कि इजरायल-गाजा के बीच 7 अक्टूबर से शुरू हुई हिंसा के बाद अब तक बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. सुरक्षा को देखते हुए अमेरिकी नागरिकों को ऐसी जगहों से बचना चाहिए.
हमास के 7 अक्टूबर को इज़रायल पर हमले से 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों की जान गोली मारकर, चाकू मारकर और जलाकर ले ली गई, जिनमें ज्यादातर नागरिक शामिल थे. वहीं बदले की आग में जल रहे इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अब तक करीब 3 हजार लोगों को मार दिया है. मंगलवार को गाजा अस्पताल में हुए हमले में सैकड़ों लोगों की मौत के बाद, हिजबुल्लाह ने "क्रोध दिवस" का आह्वान किया है. इस हमले के लिए इजरायल और फिलिस्तीन एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं.
जगह-जगह हो रहे विरोध-प्रदर्शन
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक हिजबुल्लाह के आह्वान के बाद, बेरूत के अवकार में अमेरिकी दूतावास के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार रात लेबनानी सुरक्षा बलों के साथ हाथापाई की. यहां पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और एक इमारत को आग के हवाले कर दिया. बेरूत में फ्रांसीसी दूतावास के बाहर भी सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए, उन्होंने हिजबुल्लाह के झंडे लहराए और पत्थर भी फेंके. दक्षिणी शहरों सिडोन और टायर में फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविरों में भी गुस्सा फूट पड़ा है. दरअसल लेबनान में फिलिस्तीनी गुटों ने अस्पताल हमले की निंदा करने के लिए बुधवार को बड़े पैमाने पर रैलियों का आह्वान किया है.
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