वाशिंगटन:
दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड की पीड़िता को मरणोपरांत अमेरिका में ‘इंटरनेशनल वूमेन ऑफ करेज अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।
फिजियोथैरेपी की छात्रा रही इस 23 वर्षीय युवती के साथ 16 दिसंबर की रात चलती बस में हुई सामूहिक बलात्कार की घटना का व्यापक स्तर पर विरोध हुआ था।
दुनिया के अलग-अलग भागों की बहादुर महिलाओं को प्रतिष्ठित ‘इंटरनेशनल वूमेन ऑफ करेज अवार्ड’ से सम्मानित करने के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित किए गए इस समारोह में अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने दिल्ली की सामूहिक बलात्कार पीड़िता के बारे में कहा, उसकी बहादुरी ने करोड़ों महिलाओं और पुरुषों को इस संदेश के साथ सामने आने के लिए प्रेरित किया है कि ‘और नहीं, बस, अब और नहीं। लिंग आधारित हिंसा अब और नहीं। पीड़ितों और इसका शिकार हुए लोगों के खिलाफ अब और कलंक नहीं। दिल्ली की 23 वर्षीय इस छात्रा की मौत के बाद उसे इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस मौके पर उसके परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। अमेरिका में भारतीय राजदूत निरुपमा राव इस कार्यक्रम में शरीक हुईं। इसमें आठ अन्य महिलाओं को भी बहादुरी पुरस्कार से नवाजा गया।
खचाखच भरे सभागार में कैरी ने पीड़िता को बहादुर, निर्भय और बड़े दिल वाली युवती बताया और लोगों से उसकी याद में खड़े हो कर कुछ पल मौन रहने को कहा।
अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री कैरी ने कहा, निर्भया की जंग उसे आज भी जिंदा रखे हुए है। भारत और विश्व में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए लोगों को साथ काम करने की प्रेरणा के साथ हम निर्भया को मरणोपरांत सम्मानित करते हैं।
फिजियोथैरेपी की छात्रा रही इस 23 वर्षीय युवती के साथ 16 दिसंबर की रात चलती बस में हुई सामूहिक बलात्कार की घटना का व्यापक स्तर पर विरोध हुआ था।
दुनिया के अलग-अलग भागों की बहादुर महिलाओं को प्रतिष्ठित ‘इंटरनेशनल वूमेन ऑफ करेज अवार्ड’ से सम्मानित करने के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित किए गए इस समारोह में अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने दिल्ली की सामूहिक बलात्कार पीड़िता के बारे में कहा, उसकी बहादुरी ने करोड़ों महिलाओं और पुरुषों को इस संदेश के साथ सामने आने के लिए प्रेरित किया है कि ‘और नहीं, बस, अब और नहीं। लिंग आधारित हिंसा अब और नहीं। पीड़ितों और इसका शिकार हुए लोगों के खिलाफ अब और कलंक नहीं। दिल्ली की 23 वर्षीय इस छात्रा की मौत के बाद उसे इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस मौके पर उसके परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। अमेरिका में भारतीय राजदूत निरुपमा राव इस कार्यक्रम में शरीक हुईं। इसमें आठ अन्य महिलाओं को भी बहादुरी पुरस्कार से नवाजा गया।
खचाखच भरे सभागार में कैरी ने पीड़िता को बहादुर, निर्भय और बड़े दिल वाली युवती बताया और लोगों से उसकी याद में खड़े हो कर कुछ पल मौन रहने को कहा।
अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री कैरी ने कहा, निर्भया की जंग उसे आज भी जिंदा रखे हुए है। भारत और विश्व में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए लोगों को साथ काम करने की प्रेरणा के साथ हम निर्भया को मरणोपरांत सम्मानित करते हैं।
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