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This Article is From Feb 26, 2015

मदर टेरेसा पर भागवत के बयान पर राज्यसभा में हंगामा, पीएम से बयान की मांग

मदर टेरेसा पर भागवत के बयान पर राज्यसभा में हंगामा, पीएम से बयान की मांग

मदर टेरेसा पर मोहन भागवत के बयान पर राज्यसभा में सरकार को विपक्ष के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। विपक्ष की मांग थी कि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पष्टीकरण दें। विपक्षी सांसदों ने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता तो निंदा-प्रस्ताव लाया जाए।

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और जेडी-यू के सांसदों के साथ बीजेपी के विनय कटियार की बहसबाज़ी के बीच सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।

संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने मामले को शांत करने के लिए कहा कि मदर टेरेसा का सम्मान पूरा देश करता है और उनके सेवाभाव को लेकर किसी को संशय नहीं है।

हालांकि जेडी-यू के शरद यादव नक़वी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने मांग की कि सदन में भागवत के बयान की निंदा करने के लिए एक प्रस्ताव लाया जाए। एसपी और सीपीएम ने यादव की इस मांग का लगे हाथ समर्थन किया।

शून्यकाल में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ' ब्रायन ने मामले को उठाते हुए कहा कि भागवत का बयान संसद और उन 43 लोगों का अपमान है जिन्हें अब तक भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।

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