प्रयागराज में परीक्षा की डेट को लेकर सोमवार सुबह से ही छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. रातभर उनको मनाने की कोशिशें होती रही, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही. आइये समझते हैं कि ये बवाल क्यों मचा है, छात्रों की मांग क्या है और प्रशासन किस बात को लेकर अड़ा है...
यूपी के प्रयागराज में परीक्षा डेट को लेकर लोकसेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. इन छात्रों ने एनडीटीवी से कहा कि सीएम योगी जी नारा देते हैं तो बटेंगे तो कटेंगे तो वही हमारी प्रमुख मांग है कि दो शिफ्ट में एक्जाम करेंगे तो हमारा नुकसान होगा. वन डे वन शिफ्ट की हमारी मांग है. पेपर बंटेंगे तो हमारे नंबर कटेंगे. हम जब तक नहीं हटेंगे जब तक आयोग हमको नोटिस नहीं देता. वन नेशन वन इलेक्शन की बात कर सकते हैं तो एक शिफ्ट में एक्जाम आयोजित क्यों नहीं करवा सकते. हम न बंटेंगे, न कटेंगे और न ही हटेंगे.
प्रशासन और आयोग के साथ बातचीत रही बेनतीजा
हंगामा बढ़ता देख आननफानन में प्रशासन और आयोग के अफसर भी बातचीत के लिए पहुंचे जो कि बेनतीजा रही. प्रयागराज के डीएम रविंद्र कुमार, पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा और आयोग के सचिव अशोक कुमार ने आंदोलन कर रहे छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बन पाई.उनकी तरफ से कहा गया कि नकल रोकने के लिए अलग-अलग शिफ्ट में परीक्षा कराई जा रही है, लेकिन प्रतियोगी छात्र इस बात से सहमत नहीं हुए. आयोग के बाहर अभी भी हजारों की संख्या में छात्र डटे हुए हैं. आइये जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है...
- कब होना है एग्जाम :
यूपी पीसीएस की परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को होनी है.
RO, ARO की परीक्षा 22 और 23 को दिसंबर को है.
- पंगा क्या है :
पंगा नॉर्मलाइजेशन को एक से ज़्यादा शिफ्ट में परीक्षा कराने को लेकर है.
PCS का एग्जाम पहले मार्च में होना था, लेकिन टाल दिया गया.
RO, ARO का एग्जाम फरवरी में हुआ, लेकिन पेपर लीक से टल गया.
अब दोनों परीक्षाएं दिसंबर में दो दिन और अलग-अलग पालियों में होंगी.
- एग्जाम की नई डेट आई:
पीसीएस की परीक्षा मार्च में टालने के बाद आयोग ने PCS के एग्जाम अक्तूबर में करवाने की बात कही.
लेकिन फिर टल गया और दिसंबर में परीक्षा की नई डेट आई.
- पेपर लीक पर नियम :
'एक दिन, एक शिफ्ट' वाला एग्जाम का पैटर्न बदला गया.
आयोग ने कहा कि PCS एग्जाम दो दिन में 2 शिफ्ट में लेंगे.
RO और ARO का एग्जाम 2 दिन में 3 शिफ्ट में करवाई जाएगी.
PCS एग्जाम में कुल 5 लाख 74 हजार छात्रों ने फॉर्म भरे हैं.
RO और ARO परीक्षा के लिए 10 लाख से ज्यादा छात्र हैं.
- छात्रों को दिक्कत क्या है :
एक शिफ्ट में एक परीक्षा होगी तो एक पेपर आएगा .
दो शिफ्ट में परीक्षा होगी तो दो अलग-अलग पेपर आएंगे.
कोई एक पेपर आसान या फिर मुश्किल हो सकता है.
ऐसे में परीक्षा में छात्रों की रैकिंग पर असर पड़ सकता है.
दो एग्जाम के नॉर्मलाइजेशन फॉर्म्युले से भी छात्र खुश नहीं.
आयोग एक शिफ्ट में एक पेपर क्यों नहीं करवा सकता?
- सरकार का तर्क :
पेपर लीक और अव्यवस्था रोकने के लिए यह व्यवस्था की गई है.
यूपी के 75 नहीं, 41 जिलों में परीक्षा करवाई जाएगी.
सिर्फ सरकारी संस्थानों को ही एग्जाम सेंटर बनाएंगे.
सेंटर जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर के दायरे में होंगे.
- क्या है छात्रों की मांग :
छात्रों का कहना है कि सरकार को आखिर डर क्या है.
सभी 75 जिलों में ही परीक्षा हो, जैसे पहले होती आई है.