बिहार में एनडीए की बंपर जीत के बाद बीजेपी से लेकर जेडीयू गदगद हैं. सरकार बन चुकी है और सब काम आराम से चल रहे हैं. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कुशवाहा के करीबी और विधायक रामेश्वर महतो ने एक एक्स पोस्ट की थी. तभी से कहा जा रहा था कि कुशवाहा की पार्टी में कुछ तो गड़बड़ है. अब नई कड़ी में कुशवाहा के घर बुधवार को हुई लिट्टी-चोखा पार्टी में तीन विधायक शामिल नहीं हुए है.
RLM के तीनों विधायक माधव आनंद, रामेश्वर महतो और आलोक सिंह उपेंद्र कुशवाहा के आवास पर आयोजित लिट्टी चोखा के भोज में नहीं हुए शामिल. जबकि ये तीनों विधायक बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन से मुलाकात करने पहुंचे थे. इस घटना के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मची हुई है. तीनों विधायक कुशवाहा के खिलाफ मोर्चा खोल रखे हैं. कुछ दिन पहले रामेश्वर महतो ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि राजनीति में सफलता केवल भाषणों से नहीं, बल्कि सच्ची नीयत और नीति से मिलती है. दरअसल, रामेश्वर महतो मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं. उपेंद्र कुशवाहा अपने बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनवाने में सफल रहे. इसी को लेकर पार्टी के अंदर सवाल उठ रहे थे.
दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा अपने पार्टी के विधायक दल का नेता अपनी पत्नी को बनाना चाहते थे. विधायकों की नाराजगी को देखते हुए माधव आनंद को विधायक दल का नेता बनाया गया था. बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाए जाने के बाद तो पार्टी के अंदर और ज्यादा सुगबुगाहट शुरू हो गई है. कुशवाहा की पार्टी के अंदर लगातार नाराजगी चल रही है. इससे पहले कुशवाहा ने कई इकाइयों को भंग कर दिया था.
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