सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
यूपी विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की जनता ने भाजपा को जश्न मनाने का मौका दिया है. यूपी निकाय चुनाव में महापौर की 16 सीटों में से 14 सीट जीत कर बीजेपी ने एक रिकॉर्ड बना दिया है. इस चुनाव की जीत का सारा दारौमदार सीएम योगी आदित्यनाथ पर ही था. सीएम योगी ने इस चुनाव की कमान अपने हाथ में रखते हुए पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाकर एक बार फिर से साबित कर दिया कि उनका, बीजेपी और पीएम मोदी का जादू अभी भी प्रदेश से कम नहीं हुआ है. मगर अब सवाल उठता है कि आखिर योगी के नेतृत्व में पार्टी ने इतनी बड़ी जीत दर्ज कैसे कर ली. तो चलिए जानते हैं कि आखिर वो कौन-कौन से की-फैक्टर रहे, जिसने सीएम योगी के नेतृत्व ने यूपी निकाय चुनाव की जीत को बीजेपी के लिए आसान बना दिया.
पहला कारण: यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी जबर्दस्त जीत हासिल करने में अगर सफल रही है, तो इसकी मुख्य वजह है कि इस चुनाव की कमान खुद सीएम योगी ने अपने हाथ में ले रखी थी. इस चुनाव के हर हलचल पर सीएम योगी ने अपनी नजर बनाए रखी.
दूसरा कारण: विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद भी यूपी पंचायत चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. इस हार ने योगी के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिये थे. यही वजह है कि सीएम योगी और प्रदेश बीजेपी ने पंचायत चुनाव से सबक लेते हुए इस चुनाव को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का दम लगा दिया.
यह भी पढ़ें - यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी ऐतिहासिक जीत की ओर, अयोध्या, आगरा समेत 14 मेयर सीटों पर कब्जा
तीसरा कारण: यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी की तरफ से एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री लगे हुए थे. इसके लिए प्रदेश स्तर पर पार्टी ने काफी चिंतन-मनन किया और प्रदेश के चप्पे-चप्पे पर बीजेपी ने अपनी पहुंच बनाई. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा ने भी पार्टी की जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी.
चौथा कारण: अगर एक तरह से देखा जाए तो बीजेपी के लिए इस चुनावी मैदान में सीधे तर पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का न उतरना काफी फायदेमंद रहा. अखिलेश यादव ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था कि वो इस चुनाव में खुद प्रचार नहीं करेंगे, बल्कि उनके प्रदेश स्तर के नेता ही इस चुनाव की कमान संभालेंगे. इसके अलावा, राहुल गांधी ने भी अपना ध्यान गुजरात पर ही रखा.
यह भी पढ़ें - यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी की जबर्दस्त जीत पर पीएम मोदी से लेकर अमित शाह ने ऐसे दी प्रतिक्रिया
पांचवा कारण: पिछले कुछ चुनावों के परिणामों पर नजर डालें, तो रैलियों का काफी ज्यादा महत्व देखने को मिला है. इस चुनाव में भी सीएम योगी ने खूब रैलियां कीं. सीएम योगी ने रैलियों के माध्यम से अपने पक्ष में हवा बनाने की कोशिश की. इतना ही नहीं, रैलियों के अलावा, जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने काम किया और लोगों के साथ संवाद स्थापित किया.
VIDEO: यूपी निकाय चुनाव : सीएम योगी बोले, 'जो गुजरात जीतने चले थे वो अमेठी भी हार गए'
पहला कारण: यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी जबर्दस्त जीत हासिल करने में अगर सफल रही है, तो इसकी मुख्य वजह है कि इस चुनाव की कमान खुद सीएम योगी ने अपने हाथ में ले रखी थी. इस चुनाव के हर हलचल पर सीएम योगी ने अपनी नजर बनाए रखी.
दूसरा कारण: विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद भी यूपी पंचायत चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. इस हार ने योगी के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिये थे. यही वजह है कि सीएम योगी और प्रदेश बीजेपी ने पंचायत चुनाव से सबक लेते हुए इस चुनाव को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का दम लगा दिया.
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तीसरा कारण: यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी की तरफ से एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री लगे हुए थे. इसके लिए प्रदेश स्तर पर पार्टी ने काफी चिंतन-मनन किया और प्रदेश के चप्पे-चप्पे पर बीजेपी ने अपनी पहुंच बनाई. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा ने भी पार्टी की जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी.
चौथा कारण: अगर एक तरह से देखा जाए तो बीजेपी के लिए इस चुनावी मैदान में सीधे तर पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का न उतरना काफी फायदेमंद रहा. अखिलेश यादव ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था कि वो इस चुनाव में खुद प्रचार नहीं करेंगे, बल्कि उनके प्रदेश स्तर के नेता ही इस चुनाव की कमान संभालेंगे. इसके अलावा, राहुल गांधी ने भी अपना ध्यान गुजरात पर ही रखा.
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पांचवा कारण: पिछले कुछ चुनावों के परिणामों पर नजर डालें, तो रैलियों का काफी ज्यादा महत्व देखने को मिला है. इस चुनाव में भी सीएम योगी ने खूब रैलियां कीं. सीएम योगी ने रैलियों के माध्यम से अपने पक्ष में हवा बनाने की कोशिश की. इतना ही नहीं, रैलियों के अलावा, जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने काम किया और लोगों के साथ संवाद स्थापित किया.
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