उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर कांवड़ यात्रा पर दुकानदारों के नाम लिखने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के भी बयानबाजी अब सामने आने लगी है. ऐसे में यूपी के मंत्री कपिल देव अग्रवाल का बयान भी सामने आया हैं. कपिल देव अग्रवाल ने कहा है कि हिंदू धर्म के नाम पर ना हो दुकानों के नाम, ऐसे नाम से आपत्ति होती है ,उन्होंने ये भी कहा कि अपनी दुकानों पर लिखे दुकानदार अपना स्पष्ट नाम और हिन्दू देवी देवताओं पर नॉनवेज की दुकान नहीं चलेगी.
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने ओवैसी और अखिलेश यादव के बयान पर बोलते हुए कहा कि जब थूकने के वीडियो वायरल होते हैं तब ओवैसी या अखिलेश यादव को याद नहीं आती. अब उन्हें नाम की पहचान होने में क्या आपत्ति हैं. पहचान नहीं होने से धर्म भ्रष्ट होता है और पूरी कांवड़ यात्रा की पवित्रता भंग होती है.
कांवड़ यात्रा की किस बात पर हुआ विवाद?
सहारनपुर डीआईजी अजय कुमार साहनी ने कांवड़ के रास्ते में पड़ने वाली दुकानों के ऊपर उनके प्रोप्राइटर्स का नाम लिखने का आदेश जारी किया है. आईएएनएस से उन्होंने इसके पीछे की अहम वजह भी बताई. उन्होंने तर्क दिया, “कांवड़ मार्ग को लेकर जैसा प्रत्येक वर्ष होता रहा है, कुछ लोगों ने इस बात की आपत्ति प्रकट की थी कि जब कांवड़िए आते हैं तो सामान की कीमतों को लेकर विवाद पैदा होता है. इसके साथ ही दुकान किसी और की और नाम किसी और व्यक्ति का लिखा होने से भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है.
इसको देखते हुए जितने होटल, ढाबे या फिर जितनी खानपान की दुकाने हैं, सब को यह आदेश जारी किया गया है. यह आदेश पूरे प्रदेश में जितने भी कांवड़ मार्ग हैं, उन सभी पर लागू होगा. कांवड़ मार्ग के सारे दुकानदार अपनी दुकान पर प्रोप्राइटर का नाम आवश्यक रूप से लिखेंगे. ”
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