पश्चिम उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के अलीगढ़ शहर से प्रत्याशी को गहरा झटका लगा है. अलीगढ़ शहर से कांग्रेस प्रत्याशी सलमान इम्तियाज को जिला बदर करने का आदेश प्रशासन ने जारी किया है. अलीगढ़ प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को ये जानकारी दी.इम्तियाज के घर पर शुक्रवार को 14 जनवरी का यह आदेश चिपकाया गया है. उन्होंने दो दिन पहले ही नामांकन दाखिल किया था. एडीएम सिटी राकेश कुमार पटेल ने बताया कि उन पर गुंडा अधिनियम के तहत मामला होने के आधार पर प्रतिबंध लगाया गया था क्योंकि वह शहर की शांति के लिए खतरा थे. इम्तियाज एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं.
उन पर पहले भी मार्च 2020 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून विरोधी आंदोलन के मद्देनजर प्रतिबंध लगाया गया था. एएमयू के कई अन्य छात्र नेताओं को भी इस तरह के प्रतिबंध आदेश जारी किए गए थे. इम्तियाज ने कहा कि उन्होंने 2020 में प्रतिबंध के आदेश का जवाब दिया था और तब से उनकी याचिका पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं मिला है. अचानक नामांकन दाखिल करने के बाद, मुझे शहर छोड़ने और कासगंज जिले के एक पुलिस थाने में रिपोर्ट करने को कहा गया है.
इम्तियाज ने पिछले हफ्ते ही राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजकर हरिद्वार में दिए गए कथित घृणा भाषणों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने अलीगढ़ में प्रस्तावित धर्म संसद का भी विरोध किया था जिसे बाद में स्थगित कर दिया गया. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा कि पार्टी इस आदेश को अदालत में चुनौती देगी.
गौरतलब है कि अलीगढ़ में चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. यूपी विधानसभा चुनाव में सात चरणो में चुनाव हो रहा है. अलीगढ़ में भी शुरुआती चरणों में ही मतदान होना है. बीजेपी, समाजवादी पार्टी, बसपा औऱ कांग्रेस समेत सभी दलों ने शुरुआती चरणों के लिए अपने प्रत्याशियों के नामों को ऐलान भी कर दिया है.
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