उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से गन्ने के खेत में दो दलित नाबालिग किशोरियों के शव मिले हैं. घटना निघासन कोतवाली क्षेत्र की है. बताया जा रहा है कि मृतक दोनों किशोरियां सगी बहने हैं. इनका शव गन्ने के खेत से पेड़ से लटकता मिला. वहीं घटना की सूचना मिलने पर तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची और घटना के कारणों की जांच में जुट गई. घटना के पीछे बाइक सवारों का हाथ होने की आशंका जताय़ा जा रहा है, जिनपर नाबालिग किशोरियों को घर से अगवा कर मार कर लटकाने का आरोप लोग लगा रहे हैं. लखीमपुर में दो सगी बहनों की संदिग्ध मौत के इस मामले में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने संज्ञान लिया है. उन्होंने बताया कि जांच के लिए अफसरों को लखीमपुर भेजा गया है. शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई जा रही है.
इस घटना के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने निघासन चौराहे पर रास्ता जाम कर प्रदर्शन किया. पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन और अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और नाराज ग्रामीणों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया.
इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना की तुलना हाथरस कांड से करते हुए ट्वीट किया, ‘‘निघासन पुलिस थाना क्षेत्र में दो दलित बहनों को अगवा करने के बाद उनकी हत्या और उसके बाद पुलिस पर पिता का ये आरोप बेहद गंभीर है कि बिना पंचनामा और सहमति के उनका पोस्टमार्टम किया गया. लखीमपुर में किसानों के बाद अब दलितों की हत्या ‘हाथरस की बेटी' हत्याकांड की जघन्य पुनरावृत्ति है.'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, ‘‘लखीमपुर में दो बहनों की हत्या की घटना दिल दहलाने वाली है. परिजनों का कहना है कि उन लड़कियों का दिनदहाड़े अपहरण किया गया था. रोज अखबारों व टीवी में झूठे विज्ञापन देने से कानून व्यवस्था अच्छी नहीं हो जाती. आखिर उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध क्यों बढ़ते जा रहे हैं? कब जागेगी सरकार?''
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