वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर नये सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' शुरू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके लिए 1000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है. नए सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजित करने के उददेश्य से उप्र सरकार द्वारा नई पहल की जा रही है.
बाद में जारी एक बयान में कहा गया कि इसके अंतर्गत उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की अधिकतम पांच लाख तक की परियोजना को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा. इस स्वरोजगार मिशन के अंतर्गत प्रतिवर्ष 1,00,000 इकाइयों को वित्त पोषित कर आगामी 10 वर्षों में 10 लाख इकाइयों को सीधे लाभान्वित किया जायेगा.
सरकार द्वारा संचालित विभिन्न प्रशिक्षण योजनाओं जैसे विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना, अनुसूचित जाति/ जनजाति/ अन्य पिछड़ा वर्ग प्रशिक्षण योजना, उत्तर प्रदेश स्किल्ड डेवलपमेन्ट मिशन द्वारा संचालित कौशल उन्नयन आदि में प्रशिक्षित लाभार्थी अथवा किसी विद्यालय/शैक्षणिक संस्थान से सर्टिफिकेट कोर्स/ डिप्लोमा/ डिग्री प्राप्त युवक इस योजना के तहत लाभान्वित होंगे. उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की अधिकतम पांच लाख रुपये तक की परियोजना लागत वाली सूक्ष्म इकाइयां इसके लिए पात्र होंगी.
योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. बैंक/ वित्तीय संस्था से प्राप्त होने वाले सभी ऋण को सीजीटीएमएसई कवरेज प्रदान किया जायेगा, जिसके सापेक्ष ली जाने वाली फीस का पूर्ण भुगतान योजना के अंतर्गत किया जायेगा. राष्ट्रीयकृत/ ग्रामीण बैंकों, सिडबी तथा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अधिसूचित सभी वित्तीय संस्थाओं से वित्त पोषण हो सकेगा.
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