भारत ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन (ammu and Kashmir Delimitation Process) को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की अवांछित टिप्पणियों की सोमवार को आलोचना की और उस समूह से एक देश की शह पर ‘सांप्रदायिक एजेंडा' चलाने से बचने को कहा है. भारत की यह सख्त प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब ओआईसी ने जम्मू कश्मीर में परिसीमन को लेकर भारत सरकार की आलोचना की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमें हैरत है कि ओआईसी ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों के लेकर अवांछित टिप्पणियां की हैं.'' उन्होंने कहा कि अतीत में भी भारत सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को लेकर ओआईसी के बयानों को सिरे से खारिज किया था. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है. बागची ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि ओआईसी को एक देश की शह पर भारत को लेकर अपना ‘सांप्रदायिक एजेंडा' चलाने से बचना चाहिए.
हालांकि भारत का परोक्ष तौर पर इशारा पाकिस्तान की ओर था, जो लगातार ओआईसी के मंच से ऐसे मुद्दों को उठाता रहा है. ओआईसी ने इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर को लेकर कई टिप्पणियां की थीं, जिस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. भारत ने मार्च में भी इसी तरह इस्लामाबाद में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के एक बयान का प्रतिवाद किया था. पाकिस्तान में ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक में संगठन द्वारा कश्मीर पर भारत की नीति की आलोचना की गई थी. इस पर विदेश मंत्रालय (एमईए) की कठोर प्रतिक्रिया सामने आई थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “ओआईसी बैठक में दिए गए बयान और संकल्प एक निकाय के रूप में इस्लामिक सहयोग संगठन की अप्रासंगिकता और इसके संचालक के रूप में पाकिस्तान की भूमिका, दोनों को दिखाते हैं.
इइस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी की स्थापना 1969 में हुई थी, इसमें 57 सदस्य देश हैं. संगठन के मुताबिक, दुनिया में इस्लामिक हितों की रक्षा करने के लिए काम करता है. इसमें 49 देश ऐसे हैं, जो मुस्लिम बहुल हैं. इन देशों की कुल आबादी करीब दो अरब के करीब है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं