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दिल्ली: UNTCC सम्मेलन के लिए 32 देशों के सैन्य प्रमुख होंगे शामिल, चीन-पाक को न्योता नहीं!

UNTCC सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य उभरते खतरों पर विचार-विमर्श करना और भविष्य की शांति स्थापना के लिए एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना है.

दिल्ली: UNTCC सम्मेलन के लिए 32 देशों के सैन्य प्रमुख होंगे शामिल, चीन-पाक को न्योता नहीं!
  • भारत यूएनटीसीसी सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के भविष्य पर चर्चा होगी
  • सम्मेलन में 32 देशों के सैन्य अधिकारी भाग लेंगे, जिनमें 15 आर्मी चीफ और 17 वाइस चीफ शामिल हैं
  • भारत का यह आयोजन वसुधैव कुटुम्बकम् दर्शन का प्रतीक है, जो वैश्विक शांति और समृद्धि की प्रतिबद्धता दर्शाता है
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UNTCC Conclave: संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के भविष्य और उभरते खतरों पर विचार-विमर्श करने के लिए भारत 14 से 16 अक्टूबर तक नई दिल्ली में एक उच्च-स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 'यूएनटीसीसी (UNTCC) सम्मेलन' का आयोजन कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक होने के नाते, भारत इस सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. इस सम्मेलन में 32 संयुक्त राष्ट्र सैन्य योगदानकर्ता देशों ने हिस्सा लेने की पुष्टि की है, जिनमें 15 देशों के आर्मी चीफ, 17 देशों के वाइस चीफ और अन्य उच्च स्तरीय सैन्य अधिकारी शामिल होंगे.

क्या है यूएनटीसीसी

यूएनटीसीसी एक ऐसा खास मंच है, जो ऑपरेशनल चुनौतियों, उभरते खतरों, आपसी भागीदारी, निर्णय-प्रक्रिया में समावेशिता और शांति स्थापना को बढ़ावा देने में टेक्नोलॉजी और ट्रेनिंग की भूमिका पर विचार-विमर्श का मौका देता है. यह सम्मेलन वसुधैव कुटुम्बकम की भारतीय दर्शन परंपरा का सशक्त प्रतीक है.

सम्मेलन का उद्देश्य 

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य उभरते खतरों पर विचार-विमर्श करना और भविष्य की शांति स्थापना के लिए एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना है. सम्मेलन को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी संबोधित करेंगे.

भारत का 'वसुधैव कुटुम्बकम्' दर्शन

भारत की ओर से यह आयोजन वैश्विक शांति, स्थिरता और समावेशी समृद्धि के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो भारतीय दर्शन परंपरा के सिद्धांत 'वसुधैव कुटुम्बकम्' का एक सशक्त प्रतीक है.

चीन और पाकिस्तान को न्योता नहीं!

सूत्रों की मानें तो चीन और पाकिस्तान को इस अहम सम्मेलन के लिये न्योता नहीं दिया गया है। चीन और पाकिस्तान को छोड़कर सभी पड़ोसी देश शिरकत कर रहे हैं। सम्मेलन के दौरान जमीनी चुनौतियों के मुताबिक मिशनों को और भी ज्यादा उत्तरदायी बनाने पर भी बातचीत होगी।

इस अहम अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने वाले 32 देशों में शामिल हैं-

  1. अल्जीरिया
  2. आर्मेनिया
  3. ऑस्ट्रेलिया
  4. बांग्लादेश
  5. भूटान
  6. ब्राजील
  7. बुरुंडी
  8. कंबोडिया
  9. मिस्र
  10. इथियोपिया
  11. फिजी
  12. फ्रांस
  13. घाना
  14. इटली
  15. कजाखिस्तान
  16. केन्या
  17. किर्गिजस्तान
  18. मेडागास्कर
  19. मलेशिया
  20. मंगोलिया
  21. मोरक्को
  22. नेपाल
  23. नाइजीरिया
  24. पोलैंड
  25. रवांडा
  26. श्रीलंका
  27. सेनेगल
  28. तंजानिया
  29. थाईलैंड
  30. युगांडा
  31. उरुग्वे 
  32. वियतनाम

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