केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के लिए 'न्याय और मुआवजे की मांग' की. कंगना के मुंबई स्थित ऑफिस के कुछ हिस्से को बीएमसी द्वारा गिरा दिया गया था.
रामदास अठावले ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को बताया कि कंगना रनौत को नोटिस दिया गया था लेकिन 24 घंटों के भीतर ही शिवसेना द्वारा नियंत्रित बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा बुधवार को उनके ऑफिस को गिरा दिया गया, जबकि वह शहर में नहीं थीं.
इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री ने मुंबई के खार में कंगना के निवास पर उनसे मुलाकात की और उनसे कहा कि उन्हें शहर में रहते हुए डरने की जरूरत नहीं है.
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आज राज्यपाल से बैठक के बाद अठावले ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने राज्यपाल के साथ (राजभवन में) 20-25 मिनट तक चर्चा की. हमने कंगना रनौत से जुड़े मुद्दे पर चर्चा की, उनके साथ अन्नाय हुआ है."
आरोप लगाया कि तोड़फोड़ अभियान के दौरान बीएमसी ने कंगना रनौत के ऑफिस के फर्नीचर को भी तोड़ दिया, केंद्रीय मंत्री ने नागरिक निकाय पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. अठावले ने कहा, "मैंने राज्यपाल से आग्रह किया कि कंगना रनौत को न्याय और मुआवजा मिले."
बता दें कि राज्य में गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने वाली शिवसेना और कंगना रनौत के बीच उस वक्त से वाक् युद्ध छिड़ी है जब से कंगना ने मुम्बई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से की और कहा था कि वह कथित फिल्म माफिया से ज्यादा मुंबई पुलिस से डरती है.
बुल्डोजर और खुदाई के उपकरणों के साथ बीएमसी की टीम ने बुधवार सुबह पाली हिल में रनौत के बंगले में नगर निकाय की मंजूरी के बिना कथित रूप से किए गए परिवर्तनों को ध्वस्त कर दिया था. इस दिन कंगना रनौत मुंबई पहुंची थीं.
इसी बीच अठावले की पार्टी आरपीआई (ए) कंगना के समर्थन में उतरी और उन्हें एयरपोर्ट पर सुरक्षा देने के लिए खड़ी हुई थी, जहां शिवसेना का कार्यकर्ता कंगाना के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.
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