विज्ञापन
This Article is From Aug 04, 2022

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खुद को बताया "टोल टैक्स का जनक", जानें क्या है वजह

गडकरी ने कहा, " जो नई व्यवस्था शुरू होने जा रही है, उसमें हम ये ध्यान रखेंगे कि शहर के इलाकों में स्थापित टोल प्लाजा खत्म हो जाएं और लोगों से कोई शुल्क नहीं लिया जाए. "

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खुद को बताया "टोल टैक्स का जनक", जानें क्या है वजह
गडकरी ने कहा, " जो नई व्यवस्था शुरू होने जा रही है, उसमें हम ये ध्यान रखेंगे."
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा के सदस्यों को कहा कि वे एक एक्सप्रेस वे पर लगने वाले "टोल टैक्स के जनक" हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि 90 के दशक में महाराष्ट्र कैबिनेट का सदस्य होने के दौरान उन्होंने महाराष्ट्र में ऐसी सड़क का निर्माण कराया था, जिससे गुजरने पर लोगों को टोल टैक्स देना पड़ता था.  प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने ये बात कही.  

दरअसल, सदस्यों ने शहर की सीमा के अंदर एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा स्थापित करने पर चिंता व्यक्त की थी, जिसके कारण स्थानीय आबादी को शहर के भीतर आने-जाने पर भी टोल का भुगतान करना पड़ता है. सड़क परिवहन मंत्री, जिनके कामों की अक्सर विपक्ष भी तारीफ करती हैं ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को ठीक किया जाएगा. साथ ही ये दावा भी किया कि समस्या यूपीए शासन के दौरान लिए गए फैसलों के कारण उत्पन्न हुई है. 

उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले, जब यूपीए सरकार थी, तब शहर क्षेत्र के पास टोल प्लाजा स्थपित किया गया, जिस कारण तब से अब तक सभी को इसका भुगतान करना पड़ रहा है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और गैरकानूनी है. उन्होंने कहा, " सौभाग्य या दुर्भाग्य से, मैं इस टोल का जनक हूं क्योंकि इस देश में पहली बार, मैंने टोल सिस्टम शुरू किया और बीओटी (बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर) की पहली परियोजना महाराष्ट्र में ठाणे थी." 

गडकरी ने कहा, " जो नई व्यवस्था शुरू होने जा रही है, उसमें हम ये ध्यान रखेंगे कि शहर के इलाकों में स्थापित टोल प्लाजा खत्म हो जाएं और लोगों से कोई शुल्क नहीं लिया जाए. अक्सर शहर के लोग एक्सप्रेसवे रोड के केवल 10 किमी का उपयोग करते हैं. लेकिन उन्हें 75 किमी के लिए टोल का भुगतान करना पड़ता है." उन्होंने कहा, "यह बिल्कुल गलत है. लेकिन यह हमारे कार्यकाल के दौरान उत्तपन्न हुई समस्या नहीं है. यह पिछली सरकार के दौरान हुआ था. हम इसे सुधारेंगे."

गौरतलब है कि 1995 और 1999 के बीच महाराष्ट्र सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री के रूप में गडकरी के कार्यकाल के तहत, अपनी तरह की पहली मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे परियोजना ली गई थी. 

यह भी पढ़ें -
-- कृष्ण जन्मभूमि पर पूजा की अनुमति वाले मुकदमे की सुनवाई पर हाईकोर्ट ने लगायी रोक
-- दिल्ली में मंकीपॉक्स का चौथा मरीज मिला, नाइजीरियाई महिला पॉजिटिव पाई गई

VIDEO: ईडी ने यंग इंडियन के कार्यालय को किया सील

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com