केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने शनिवार को स्वास्थ्य विज्ञान में गोमूत्र के कथित महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि इसका उपयोग गंभीर बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जा सकता है. न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से जारी एक वीडियो में वह कह रहे हैं, 'कैंसर का इलाज करने सहित कई दवाएं गोमूत्र का उपयोग करके तैयार की जाती हैं. केंद्र सरकार भी इस पर आयुष्मान भारत योजना के तहत काम कर रही है.'
सत्तारूढ़ भाजपा के कई नेताओं ने कथित उपचारात्मक गुणों के कारण दैनिक जीवन में गोबर और मूत्र के उपयोग की वकालत करते रहे हैं. मध्य प्रदेश से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था, 'मैं कैंसर की मरीज थी, और मैंने आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के साथ मिलकर गोमूत्र का सेवन करके खुद को ठीक किया.' साथ ही उन्होंने कहा था कि गाय के शरीर को एक विशेष तरीके से रगड़ने से रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है.
कोयंबटूर में केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शनिवार को कहा कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (जेएवाई) में कैंसर इलाज को शामिल करने के एक प्रस्ताव पर स्वास्थ्य मंत्रालय अध्ययन कर रहा है. इस योजना में कैंसर को शामिल क्यों नहीं किये जाने के एक सवाल के जवाब में चौबे ने पत्रकारों से कहा कि केंद्र एक अलग योजना के तहत वर्तमान में तीन प्रकार के कैंसर का उपचार प्रदान कर रहा है, और अब जेएवाई के तहत इस घातक बीमारी को शामिल करने के प्रस्ताव पर अध्ययन किया जा रहा है. कोयंबटूर वह श्री रामकृष्ण अस्पताल में ‘कैंसर के खिलाफ जंग' अभियान का उद्घाटन करने आये थे.
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देश को कैंसर मुक्त बनाये जाने के सवाल पर चौबे ने कहा कि गैर-संचारी रोग दुनियाभर में एक चुनौती बन गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश 2030 तक गैर-संचारी रोग से मुक्त होना चाहता है और स्वास्थ्य मंत्रालय इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम करेगा. तमिलनाडु में चिकित्सा प्रणाली की सराहना करते हुए चौबे ने कहा कि मंत्रालय ने 75 मेडिकल कॉलेजों का उन्नयन (अपग्रेडेशन) किया है.
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