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बायोस्टिमुलेंट की सेल पर शिवराज सिंह हुए गर्म, बोले, किसानों के साथ नहीं होगा धोखा...

शिवराज सिंह ने बैठक में कहा कि सिर्फ उन्हीं बायोस्टिमुलेंट को अनुमति दी जाएगी, जो सारे मापदंडों पर किसान हित में खरे उतरेंगे. वैज्ञानिक तरीके से प्रूव होने पर ही अनुमति दी जाएगी और इसकी पूरी जवाबदारी संबंधित अधिकारियों की रहेगी.

बायोस्टिमुलेंट की सेल पर शिवराज सिंह हुए गर्म, बोले, किसानों के साथ नहीं होगा धोखा...
  • कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बायोस्टिमुलेंट की बिक्री में गड़बड़ी और किसानों को होने वाले नुकसान को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं.
  • उन्होंने अधिकारियों को बायोस्टिमुलेंट के नियम, कायदे और SOP तय करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
  • पिछले चार सालों में बायोस्टिमुलेंट की बिक्री में कमी आई है, लेकिन अभी भी केवल कुछ उत्पाद ही मान्यता प्राप्त हैं.
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कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने देश में बिना कायदे के बिक रहे पौधों की वृद्धि और विकास को बेहतर बनाने में इस्तेमाल होने वाले बायोस्टिमुलेंट (Bio Stimulant) को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. मंगलवार को दिल्ली में बायोस्टिमुलेंट की बिक्री के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'कुछ बेईमान लोग गड़बड़ियां कर रहे हैं, जिनसे किसानों को बचाना मेरी जवाबदारी है. कृषि विभाग, ICAR, किसानों के लिए हैं या कंपनियों के फायदे के लिए..?'

अधिकारियों को दिए नए दिशा-निर्देश

कृषि मंत्रालय के मुताबिक बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को नए दिशा-निर्देश जारी किए. उन्होंने बायोस्टिमुलेंट के संबंध में नियम-कायदे और SOP तय करने को कहा. साथ ही कृषि मंत्री ने बायोस्टिमुलेंट पर सख्त रवैया अपनाते हुए अधिकारियों से पारदर्शी रूप से काम करने को कहा.

'ऐसा कोई काम नहीं किया जाए, जिससे किसानों को हो नुकसान'

कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी रिलीज के मुताबिक, 'उन्होंने अधिकारियों के प्रति इस बात के लिए काफी नाराजगी व्यक्त की कि कुछ सालों तक 30 हजार बायोस्टिमुलेंट उत्पाद बिकते रहे और अधिकारियों द्वारा इस पर आपत्ति नहीं जताई गई. उन्होंने कहा कि गत 4 साल से करीब 8 हजार बायोस्टिमुलेंट बिकते रहे, जब मैंने इस बारे में सख्ती की तो अब तकरीबन 650 बायोस्टिमुलेंट ही बचे हैं. शिवराज सिंह ने कहा, ऐसी लापरवाही ना बरती जाए, जिससे किसानों को नुकसान हो.'

किसानों ने की थी कृषि मंत्री से शिकायतें

शिवराज सिंह चौहान देशभर में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान' के दौरान राज्यों में प्रवास कर सैकड़ों गांवों और खेतों में गए थे और किसानों से सीधा संवाद किया था. कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस दौरान कई गांवों में किसानों ने नकली खाद, नकली बीज, नकली उर्वरक, बायोस्टिमुलेंट और नैनो यूरिया की बिक्री को लेकर शिकायतें की थी.

शिवराज सिंह ने बैठक में कहा कि सिर्फ उन्हीं बायोस्टिमुलेंट को अनुमति दी जाएगी, जो सारे मापदंडों पर किसान हित में खरे उतरेंगे. वैज्ञानिक तरीके से प्रूव होने पर ही अनुमति दी जाएगी और इसकी पूरी जवाबदारी संबंधित अधिकारियों की रहेगी.

कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी नोट के मुताबिक,

'शिवराज सिंह ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि देश में बायोस्टिमुलेंट कई सालों से बिक रहा है और एक-एक साल करके इसकी बिक्री की अनुमति की अवधि बढ़ाई जाती रही है, लेकिन फील्ड से कई बार शिकायतें आती हैं कि इससे कोई फायदा नहीं है, फिर भी ये बिक रहा है. चौहान ने कहा कि इसकी पूरी समीक्षा करना आवश्यक है कि इससे कितना फायदा किसानों को हो रहा है, यदि नहीं तो बेचने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. बिना अर्थ के हजारों कंपनियां इसकी बिक्री करने लग गई.'

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