![Uniform Civil Code: रिफॉर्म बेहद जरूरी, लेकिन उस पर राजनीति करनी ठीक नहीं- जमीयत सदस्य Uniform Civil Code: रिफॉर्म बेहद जरूरी, लेकिन उस पर राजनीति करनी ठीक नहीं- जमीयत सदस्य](https://c.ndtvimg.com/2023-06/jm32gei8_ucc-jamiat_625x300_28_June_23.jpg?downsize=773:435)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बयान देकर एक नई बहस शुरू कर दी है.‘मेरा बूथ सबसे मजबूत' कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने ट्रिपल तलाक और यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर कई अहम बातें कहीं. उन्होंने कहा कि एक ही परिवार में अलग-अलग सदस्यों पर अलग-अलग कानून लागू कैसे हो सकते हैं? पीएम मोदी के इस बयान पर NDTV से खास बातचीत में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और जमीयत उलेमा हिंद के राष्ट्रीय सचिव नियाज अहमद फारुकी ने कहा कि रिफॉर्म बेहद जरूरी हैं, लेकिन उस पर राजनीति करनी ठीक नहीं है.
जमीअत उलेमा हिंद के राष्ट्रीय सचिव नियाज अहमद फारुकी ने कहा, "यही वक्त है, कॉमन सिविल कोड को लाने का. दुनिया के 80 देशों में ये कानून है, क्या वहां धार्मिक स्वतंत्रता नहीं है? आजादी के बाद भी ज्यादातर लोग इसके पक्ष में थे. फिर ये सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं है, इसके दायरे में हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोग आएंगे."
"PM का UCC पर बयान राजनीति से प्रेरित..." : ऐसा क्यों कह रहे हैं मुस्लिम संगठन, सौरभ शुक्ला की रिपोर्ट #UCC pic.twitter.com/KSombIAQAW
— NDTV India (@ndtvindia) June 28, 2023
हालांकि, पीएम मोदी के बयान के बारे में पूछने पर अहमद फारुकी ने कहा कि ये प्रधानमंत्री ने राजनीतिक बयान दिया है. प्रधानमंत्री को ये बयान नहीं देना चाहिए था. प्रधानमंत्री मोदी ने ये बयान देकर 2024 चुनाव की पिच तैयार की है. लॉ कमीशन UCC पर लोगों की रॉय ले रहा है. प्रधानमंत्री का ये बयान लॉ कमीशन के काम को प्रभावित करेगा. लॉ कमीशन ने अभी 15 जून से आम लोगों की रॉय लेना शुरू किया है. हमें लॉ कमीशन की रिपोर्ट का इंतज़ार करना चाहिए.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की मीटिंग में हम अपना ड्राफ़्ट तैयार कर लॉ कमीशन से मिलेंगे. तीन तलाक़ को ख़त्म किया, हम उसका स्वागत करते हैं. लेकिन सवाल है कि क्या मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिल रहा है ये भी देखना चाहिए. रिफॉर्म बेहद ज़रूरी हैं, लेकिन उस राजनीति करना ठीक नहीं है.
इधर, बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि समान नागरिकता संहिता पर कांग्रेस को अपना रुख स्पष्ट करना पड़ेगा. क्या वो UCC के समावेशी कानून के साथ है या सांप्रदायिक करतूत के साथ है.
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