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This Article is From Jul 26, 2023

"सरकार को धर्म,जातियों की परंपराओं में दखल नहीं देना चाहिए": UCC को लेकर कई धार्मिक संगठनों का साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस

प्रोफेसर जगमोहन सिंह ने कहा कि UCC हमारे संविधान के लिए घातक है. UCC हमें मिलने वाले आरक्षण के लिए भी घातक है.

"सरकार को धर्म,जातियों की परंपराओं में दखल नहीं देना चाहिए": UCC को लेकर कई धार्मिक संगठनों का साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस
नई दिल्ली:

समान नागरिक सहिंता को लेकर देश में चल रहे बहस के बीच बुधवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई संगठनों के नेताओं ने हिस्सा लिया. सिख पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रोफेसर जगमोहन सिंह ने कहा कि आज हमने बहुत ऐतिहासिक मीटिंग की जिसमें विभिन्न धर्म और जातियों के लोगों ने भाग लिया. हमने UCC को लेकर  कुछ निर्णय लिया है. हमने तय किया है कि भारत सरकार को धर्म , जातियों की परंपराओं में दखल नहीं देना चाहिए. UCC हमारे संविधान के लिए घातक है. UCC हमें मिलने वाले आरक्षण के लिए घातक है. उन्होंने कहा कि समान नागरिक सहिंता देश के संघीय ढांचें के लिए भी खतरनाक है.

"इससे समानता नहीं होगी बल्कि असमानता बढ़ेगी"

यह हमारे देश के “विविधता में एकता” की धारणा के खिलाफ़ है. इससे समानता नहीं होगी बल्कि असमानता बढ़ेगी. बैठक में BAMSEF , अकाली दल , Ravidasiyon के संगठन, बड़े ईसाई धार्मिक संगठन, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ शामिल हुए. जगमोहन सिंह ने जोर देते हुए कहा कि सरकार को हमारे धार्मिक परंपराओं में दखल करने का अधिकार नहीं है. एक देश और एक क़ानून करके सरकार हमारे परंपरागत कानूनों के खिलाफ घिनौनी साज़िश रच रही है.

"सरकार आरक्षण छीनना चाहती है"

सिख पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रमुख ने कहा कि SC/ST/ OBC के मामले में बाजा बजा रही है कि असमानता ख़त्म करेंगे पर दरअसल ये इन जातियों का आरक्षण छीनना चाहती है. प्रधानमंत्री एक रैली में यूसीसी की बात करते हैं. सरकार के सांसद सुशील मोदी हमसे कह रहे हैं कि पूर्वोत्तर को अलग किया जाएगा. हमें बरगलाया जा रहा है. 41st लॉ कमीशन ने 2018 में कहा कि UCC न ज़रूरी है और न लागू किया जा सकता है तो फिर चार साल में क्या बदल गया. UCC के बाद ये कहा जाएगा कि अब सारे लोग समान हो गए तो फिर आरक्षण की क्या ज़रूरत है.UCC आरक्षण के ख़िलाफ़ है , हमारी तमाम आशंकाएं हैं.

"हमारे धर्मों के अंदर भी सुधार की ज़रूरत है"

हम लोग ये ज्ञापन सरकार को भेज रहे हैं. हमें पता है कि हमारे धर्मों के अंदर भी सुधार की ज़रूरत है.हम अब लोगों के बीच जाएंगे.हम लोगों से समझेंगे और समझाएंगे कि कैसे UCC “अनेकता में एकता” की धारणा के खिलाफ़ .हम सैद्धांतिक तौर UCC के खिलाफ़ हैं. सरकार की हम किसी भी बात पर यक़ीन नहीं करते. सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड ठीक नहीं है. हम UCC को लेकर सुप्रीम कोर्ट के रवैये से मायूस हैं.सुप्रीम कोर्ट जाना हमारा आख़िरी रास्ता है.

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