केंद्रीय मंत्री उमा भारती ( फाइल फोटो )
बनासकांठा:
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने गुरुवार को कहा कि महात्मा गांधी की हत्या से सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को हुआ और सबसे ज्यादा नुकसान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को हुआ. महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के आरएसएस से संबंध की बात का सीधा जवाब न देते हुए उमा ने यहां कहा, 'मैं आज देश के लोगों और मीडिया से पूछना चाहती हूं कि गांधीजी की हत्या से सबसे ज्यादा लाभ किसे हुआ?' उन्होंने कहा, 'हम जेल गए. हमें प्रतिबंधित किया गया और हम आज तक उसके लिए पीड़ा झेल रहे हैं. देश को इसके लिए पीड़ा झेलनी पड़ी और संघ व जनसंघ को भी इसके लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.'
इस्तीफे के सवाल पर बोलीं उमा भारती- न सुनूंगी, न जवाब दूंगी
उमा ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या से सबसे ज्यादा फायदा तो कांग्रेस को हुआ. उन्होंने कहा, 'गांधीजी ने घोषणा की थी कि आजादी के बाद कांग्रेस का विघटन कर दिया जाएगा और नई राजनीतिक इकाई का गठन किया जाएगा.' पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री ने यह टिप्पणी ऐसे वक्त की है, जब कुछ दिन पहले ही सर्वोच्च न्यायालय ने वरिष्ठ वकील अमरेंद्र शरण को 1948 में हुई महात्मा गांधी की हत्या की जांच दोबारा जांच करवाने की गुंजाइश का पता लगाने के लिए न्यायमित्र नियुक्त किया है.
वीडियो : गंगा यात्रा पर निकलेंगी उमा भारती. अन्य Video देखने के लिए क्लिक करें
गौरतलब है कि नाथूराम गोडसे ने दिल्ली में बिड़ला भवन के पास झाड़ियों से निकलकर 30 जनवरी, 1948 को महात्मा गांधी के सीने पर ताबड़तोड़ तीन गोलियां दाग दी थीं. गांधी के मुंह से सिर्फ दो शब्द निकले थे- हे राम! गांधी जी की हत्या से कुछ समय पहले गोडसे आरएसएस छोड़कर हिंदू महासभा का सदस्य बन गया था.
इनपुट : आईएनएस
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उमा ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या से सबसे ज्यादा फायदा तो कांग्रेस को हुआ. उन्होंने कहा, 'गांधीजी ने घोषणा की थी कि आजादी के बाद कांग्रेस का विघटन कर दिया जाएगा और नई राजनीतिक इकाई का गठन किया जाएगा.' पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री ने यह टिप्पणी ऐसे वक्त की है, जब कुछ दिन पहले ही सर्वोच्च न्यायालय ने वरिष्ठ वकील अमरेंद्र शरण को 1948 में हुई महात्मा गांधी की हत्या की जांच दोबारा जांच करवाने की गुंजाइश का पता लगाने के लिए न्यायमित्र नियुक्त किया है.
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गौरतलब है कि नाथूराम गोडसे ने दिल्ली में बिड़ला भवन के पास झाड़ियों से निकलकर 30 जनवरी, 1948 को महात्मा गांधी के सीने पर ताबड़तोड़ तीन गोलियां दाग दी थीं. गांधी के मुंह से सिर्फ दो शब्द निकले थे- हे राम! गांधी जी की हत्या से कुछ समय पहले गोडसे आरएसएस छोड़कर हिंदू महासभा का सदस्य बन गया था.
इनपुट : आईएनएस
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