खुद को शिवसेना नेता बताने वाली मराठी अभिनेत्री दीपाली सैईद ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए मिलने पर सहमत हो गए हैं. उनके अनुसार भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच मुलाकात के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं. इस पर शिवसेना के एक पदाधिकारी ने कहा कि सईद के पास पार्टी में कोई पद नहीं है.
सईद ने 2019 में शिवसेना के टिकट पर ठाणे जिले के मुंब्रा-कलवा निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ा था. 2014 में, वह आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर अहमदनगर जिले से लड़ी थीं, लेकिन हार गईं.
सईद ने ट्वीट कर कहा, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि अगले दो दिनों में शिवसैनिकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की मुलाकात होगी. शिंदे ने सैनिकों की भावनाओं को समझा और ठाकरे ने उन्हें अपनी भूमिका में बड़े दिल से स्वीकार किया. परिवार के मुखिया, कुछ भाजपा नेता इस बैठक के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं." उनके ट्विटर विवरण में उल्लेख है कि वह शिवसेना की नेता हैं.
सैयद के ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, "मुझे इस तरह के किसी भी घटनाक्रम (उद्धव और शिंदे के बीच कोई मुलाकात) की जानकारी नहीं है. मैं पार्टी में बहुत छोटा कार्यकर्ता हूं."
संजय राउत ने एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के 15 दिन बाद भी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं करने को लेकर निशाना साधा.
उन्होंने कहा, "यह (कैबिनेट का विस्तार) नहीं हुआ क्योंकि संवैधानिक समस्या है. शिवसेना के 40 बागी विधायक (शिंदे खेमे में) अयोग्यता के खतरे का सामना कर रहे हैं और मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो रही है. अगर वे मंत्री के रूप में शपथ लेते हैं, तो उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा."
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