राजस्थान की मेवाड़ रियासत में नए महाराणा की ताजपोशी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. उदयपुर के राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बड़े बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक की रस्म पर सोमवार को बवाल हो गया. राजतिलक को लेकर विश्वराज सिंह और उनके चचेरे भाई डॉ. लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ के बीच तल्खियां बढ़ गई हैं. महेंद्र सिंह मेवाड़ के भाई और लक्ष्य राज सिंह के पिता अरविंद सिंह मेवाड़ के परिवार ने राजतिलक पर नाखुशी जताई है. ऐसे में राजतिलक की परंपरा निभाने से रोकने के लिए उदयपुर के सिटी पैलेस के गेट बंद कर दिए गए थे.
दरअसल, चित्तौड़गढ़ में महाराणा के रूप में राजतिलक के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ अपने समर्थकों के साथ उदयपुर सिटी पैलेस पहुंचे थे. वह सिटी पैलेस स्थित धूणी माता के दर्शन करना चाहते थे. मौजूदा समय में सिटी पैलेस पर विश्वराज सिंह मेवाड़ के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ का है. वह ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी हैं. उन्होंने नोटिस जारी करके विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक की रस्म के लिए सिटी पैलेस में एंट्री बंद कर दी थी. कानूनी में नोटिस में साफ कहा गया था कि ट्रस्ट से किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को सिटी पैलेस में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
अपने काफिले की 3 गाड़ियों के साथ सिटी पैलेस गए विश्वराज सिंह
सिटी पैलेस के दरवाजे बंद होने पर विश्वराज सिंह के समर्थकों ने हंगामा किया. फिर जबरन बैरिकेटिंग हटा दी. भीड़ की इस दौरान पुलिस के साथ कहासुनी भी हुई. इस बीच पुलिस ने हल्का प्रयोग किया. विश्वराज सिंह के समर्थकों ने पथराव किया. जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. आखिरकार विश्वराज सिंह अपने काफिले की 3 गाड़ियों के साथ सिटी पैलेस के अंदर घुसे. हालांकि, पुलिस ने काफिले में शामिल बाकी गाड़ियों को रोक दिया.
राजसमंद से BJP विधायक हैं विश्वराज सिंह
विश्वराज सिंह राजसमंद से BJP विधायक भी हैं. यहीं से उनकी पत्नी महिमा कुमारी मौजूदा सांसद हैं. विश्वराज सिंह के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ की मौत के 12 दिन बाद उनके राज्याभिषेक का ऐलान हुआ था. ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ किले में एक पारंपरिक राज्याभिषेक समारोह में औपचारिक रूप से उन्हें मेवाड़ राजवंश का उत्तराधिकारी घोषित किया गया था. विश्वराज सिंह मेवाड़ एकलिंगनाथजी के 77वें दीवान होंगे.
खून का तिलक लगाकर हुआ राज्याभिषेक
राज्याभिषेक समारोह को पुजारियों और पुरोहितों ने पूरा कराया. पगड़ी दस्तूर की रस्म चित्तौड़गढ़ जिले के ‘फतह प्रकाश महल' (Fateh Prakash Palace) में अदा की गई. विश्वराज का राज तिलक एक पूर्व कुलीन से करवाया गया. उन्होंने तलवार से अपनी अंगुली काटी और खून से विश्वराज मेवाड़ का राज्याभिषेक किया. साथ ही 21 तोपों की सलामी भी दी गई. खून से तिलक करने की परंपरा मेवाड़ राजवंश में सैकड़ों साल से चली आ रही है. मेवाड़ की वंशावली 8वीं शताब्दी में बप्पा रावल से मिलती है. मेवाड़ राजघराने के सबसे प्रसिद्ध राजा महाराणा प्रताप थे. उन्होंने मुगलों से हल्दी घाटी में लड़ाई लड़ी थी.
सिटी पैलेस के बाहर अफरा-तफरी की स्थिति
इससे सिटी पैलेस के बाहर अफरा-तफरी की स्थिति हो गई. गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए पुलिस ने सिटी पैलेस गेट के आसपास के क्षेत्र में बैरिकेड्स लगा दिए थे. एक्सट्रा पुलिसफोर्स की तैनाती भी की गई थी. जब नए महाराणा विश्वराज सिंह मेवाड़ को सिटी पैलेस में एंट्री से रोका गया, तो उनके समर्थकों ने बवाल मचाना शुरू कर दिया. कुछ समर्थकों ने जबरन पुलिस के बैरिकेड्स हटा दिए. इससे सिटी पैलेस के गेट पर गतिरोध पैदा हो गया. इस बीच प्रशासन ने भी माहौल को संभालने की कोशिश की. लेकिन पुलिस राजी नहीं हुई. इससे विवाद बढ़ता गया.
इस तरह परंपराओं को रोकना गलत- विश्वराज सिंह
विश्वराज सिंह ने मीडियाकर्मियों से कहा, "आज हम जो स्थिति देख रहे हैं वह दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं आपके समर्थन के लिए आभारी हूं. एक तरफ संपत्तियां हैं, लेकिन ऐसी परंपराएं भी हैं जहां धूनी माता और भगवान शंकर का आशीर्वाद चाहते हैं. परंपराओं और समाज के मानदंडों को ऐसे रोकना गलत है."
पैलेस, मंदिरों और फोर्ट के मालिकाना हक को लेकर विवाद
मेवाड़ राजघराने की नई पीढ़ियों में पैलेस, मंदिरों और फोर्ट के मालिकाना हक को लेकर विवाद चल रहा है. अभी इनका मैनेजमेंट 9 ट्रस्ट के पास है. राजघराने की गद्दी को संभालने के लिए महाराणा भगवत सिंह ने ‘महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन' नाम की एक संस्था शुरू की. ये संस्था उदयपुर में सिटी पैलेस संग्रहालय चलाती है. इन सभी ट्रस्ट को विश्वराज सिंह के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ और चचेरे भाई लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ हैंडल करते हैं. महेंद्र सिंह के छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ ने विश्वराज सिंह के राज्याभिषेक को गैर-कानूनी करार दिया है.
अभी मेवाड़ चैरिटेबल ट्रस्ट के ज़रिए अरविंद सिंह मेवाड़ ही उदयपुर राज घराने की गद्दी संभालते हैं. वह सिटी पैलेस में रहते हैं. हालांकि, आसपास की रियासतों में महेंद्र सिंह मेवाड़ का प्रभाव ज़्यादा था. उनके निधन के बाद उनके बड़े बेटे यानी विश्वराज सिंह को राजगद्दी देने का फैसला किया गया था. लेकिन अरविंद सिंह मेवाड़ का कहना है कि राजगद्दी विश्वराज सिंह को नहीं, बल्कि उनके बेटे लक्ष्य राज सिंह को मिलनी चाहिए.
आखिर संजय लीला भंसाली से क्यों हुई मारपीट, पढ़ें - रानी पद्मिनी (पद्मावती) की पूरी कहानी
राजस्थान के उदयपुर में कर्फ्यू के बीच निकली भगवान जगन्नाथ की यात्रा
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं