बीते दो महीनों में घाटी में 30 से ज़्यादा स्कूल जला दिए गए
नई दिल्ली:
कश्मीर घाटी में स्कूलों को जलाने की घटनाओं में शामिल 43 लोगों की पुलिस ने शिनाख्त कर ली है और करीब दो दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है. ये बातें उस हलफनामे में दर्ज हैं, जो जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाईकोर्ट को सौंपा है. इस हलफनामे में ये भी लिखा गया है कि स्कूलों में परीक्षा तय समय यानी 14 नवंबर से शुरू होगी और इसके लिए सभी इंतजाम किए जा चुके हैं.
वैसे शनिवार को जम्मू-कश्मीर के बांदीपुर में एक स्कूल को जला दिया गया. यानी बीते दो महीनों में जब 30 से ज़्यादा स्कूल जल गए, तब राज्य प्रशासन हरकत में आया है. बताया जा रहा है कि इस मामले में अब तक दो दर्जन लोग गिरफ़्तार भी किए गए हैं.
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने 14 नवंबर से होने वाले इम्तिहानों की तैयारी कर ली है. संवेदनशील इलाकों में उन स्कूलों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें सुरक्षा दी जाएगी. कई स्कूलों में पुलिस पेट्रोलिंग के जरिये सुरक्षा की निगरानी होगी. यही नहीं गांव समितियों और मोहल्ला कमेटियों को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वो अपने इलाके के स्कूलों का ख्याल रखें.
प्रशासन ने कोर्ट को ये भी आश्वासन दिया है कि सभी स्कूलो और छात्रों की जिम्मेदारी उनकी है. उनकी बसों को भी सुरक्षा दी जाएगी. प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि अब प्रशासन ही नहीं, खुद बच्चे और उनके मां-बाप चाहते हैं कि स्कूल जल्द से जल्द खुले. इसके लिए वो सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं.
वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि 14 नवंबर से छात्रों का ही नहीं, राज्य प्रशासन का भी इम्तिहान है. अगर ये इम्तिहान कायदे से निकल गए, तो वाकई राज्य में अमन की वापसी की दिशा में ये एक बड़ा क़दम होगा.
वैसे शनिवार को जम्मू-कश्मीर के बांदीपुर में एक स्कूल को जला दिया गया. यानी बीते दो महीनों में जब 30 से ज़्यादा स्कूल जल गए, तब राज्य प्रशासन हरकत में आया है. बताया जा रहा है कि इस मामले में अब तक दो दर्जन लोग गिरफ़्तार भी किए गए हैं.
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने 14 नवंबर से होने वाले इम्तिहानों की तैयारी कर ली है. संवेदनशील इलाकों में उन स्कूलों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें सुरक्षा दी जाएगी. कई स्कूलों में पुलिस पेट्रोलिंग के जरिये सुरक्षा की निगरानी होगी. यही नहीं गांव समितियों और मोहल्ला कमेटियों को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वो अपने इलाके के स्कूलों का ख्याल रखें.
प्रशासन ने कोर्ट को ये भी आश्वासन दिया है कि सभी स्कूलो और छात्रों की जिम्मेदारी उनकी है. उनकी बसों को भी सुरक्षा दी जाएगी. प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि अब प्रशासन ही नहीं, खुद बच्चे और उनके मां-बाप चाहते हैं कि स्कूल जल्द से जल्द खुले. इसके लिए वो सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं.
वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि 14 नवंबर से छात्रों का ही नहीं, राज्य प्रशासन का भी इम्तिहान है. अगर ये इम्तिहान कायदे से निकल गए, तो वाकई राज्य में अमन की वापसी की दिशा में ये एक बड़ा क़दम होगा.
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