अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा सचिव मार्क ग्रैफ के अगले हफ्ते होने वाले एक महत्वपूर्ण यात्रा से पहले, ट्रम्प प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका लद्दाख में भारत-चीन गतिरोध को करीब से देख रहा है. वो नई दिल्ली के साथ जानकारी साझा कर रहा है, और यह सुनिश्चित करना चाहता है कि स्थिति आगे न बढ़े. अमेरिका ने कहा है कि वो दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य उपस्थिति सहित दक्षिण पूर्व एशिया में भारतीय भागीदारी में वृद्धि का स्वागत करता है. और हिमालय से विवादित समुद्री क्षेत्र में "चीन के आक्रामक व्यवहार" का मुकाबला करने के लिए समान विचारधारा वाले सहयोगियों के साथ काम कर रहा है.
अमेरिकी अधिकारियों ने एक ऑनलाइन समाचार ब्रीफिंग में कहा कि हमने दक्षिण चीन सागर ही नहीं, बल्कि दक्षिण पूर्व एशिया में बढ़े सहयोग के बारे में भारतीयों के साथ बातचीत जारी रखी है. और हम उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करते है. साथ ही हम उन तीनों क्षेत्रों में दक्षिण पूर्व एशिया में अधिक से अधिक भारतीय भागीदारी का स्वागत करते हैं,"
अधिकारियों ने कहा कि "हिमालय से लेकर दक्षिण चीन सागर तक भारत-प्रशांत में चीन के बढ़ते आक्रामक व्यवहार को देखते हुए, यह पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि हम भारत जैसे समान विचारधारा वाले साझेदारों के साथ काम करें. ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत की हालिया मालाबार नौसेना अभ्यास की घोषणा को देखकर हम प्रसन्न हैं
पूर्वी लद्दाख में इस साल जून में तनाव चरम पर था, जिसमें 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी और भारी संख्या में चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे. इस मुद्दे परअमेरिका ने कहा , "हम एक सरकार के रूप में हिमालय की स्थिति को बारीकी और समझ से कवर कर रहे हैं." हम निश्चित रूप से यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि स्थिति आगे न बढ़े. '
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि हम भारत को समर्थन प्रदान कर रहे हैं, चाहे रक्षा बिक्री की बात हो, सैन्य अभ्यास की बात हो साथ ही हम जानकारी भी साझा कर रहे हैं.अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अधिकारियों ने कहा, 'भारत के साथ हालिया स्मृति में रक्षा संबंध अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर है. उन्होंने कहा कि 2016 में भारत ने एक प्रमुख रक्षा साझेदार बनने के बाद जो प्रगति की है वह उल्लेखनीय है.
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