बीमा प्रीमियम में वृद्धि के खिलाफ ट्रक ऑपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बीमा के प्रीमियम में प्रस्तावित 50 फीसदी वृद्धि के खिलाफ देशभर के ट्रक संचालकों ने शनिवार से बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है. आपूर्ति बाधित रहने से वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी. हड़ताली सोमवार को भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के अध्यक्ष से मुलाकात करेंगे और फैसला लेंगे कि नियामक के साथ बातचीत के आधार पर आंदोलन को बरकरार रखा जाए या नहीं.
अखिल भारतीय मोटर-परिवहन कांग्रेस-दक्षिणी क्षेत्र के उपाध्यक्ष पी.वी.सुब्रमणि ने बताया कि हड़ताल पर जाने का एक मुख्य कारण थर्ड पार्टी बीमा के प्रीमियम में 50 फीसदी वृद्धि है. वाहनों के लिए थर्ड पार्टी प्रीमियम पर फैसला आईआरडीएआई लेती है, जबकि अन्य प्रीमियम के दरों पर फैसला बीमा कंपनियां करती हैं.
साउथ इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन तथा साउथ जोन मोटर ट्रांसपोटर्स वेल्फेयर एसोसिएशन गुरुवार से बेमियादी हड़ताल पर है, जबकि ऑल इंडिया कॉन्फेडरेशन ऑफ गुड्स व्हीकल्स ऑनर्स एसोसिएशन शनिवार से हड़ताल में शामिल हुआ है. कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना तथा पुडुचेरी में गुरुवार से ही लगभग 22 लाख ट्रक संचालक हड़ताल पर हैं.
एसीओडीओए के अध्यक्ष चन्ना रेड्डी ने कहा कि वे थर्ड पार्टी बीमा में अचानक भारी बढ़ोतरी का विरोध करते हैं, जिसमें साल 2002 से लेकर अब तक 800 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है.
थर्ड पार्टी एक्सीडेंट क्लेम की बढ़ोतरी और मुआवजे के भुगतान को लेकर बीमा कंपनियों के तर्क पर सुब्रमणि ने कहा कि पहले उन्हें संख्याओं को पारदर्शी तरीके से दर्शाने दीजिए. अगर उनका कारोबार घाटे का है, तो फिर बीमा कंपनियां कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी के प्रीमियम में 70 फीसदी तथा थर्ड पार्टी पालिसी में दो फीसदी तक छूट की पेशकश कैसे कर रही हैं?
ट्रक ऑपरेटरों की इस हड़ताल से पांच राज्यों तथा एक केंद्रशासित प्रदेश को रोजाना 5,500 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. हड़ताल को देखते हुए महाराष्ट्र से लगभग 10,000 ट्रकों ने दक्षिण भारतीय राज्यों की तरफ जाना बंद कर दिया है.
अखिल भारतीय मोटर-परिवहन कांग्रेस-दक्षिणी क्षेत्र के उपाध्यक्ष पी.वी.सुब्रमणि ने बताया कि हड़ताल पर जाने का एक मुख्य कारण थर्ड पार्टी बीमा के प्रीमियम में 50 फीसदी वृद्धि है. वाहनों के लिए थर्ड पार्टी प्रीमियम पर फैसला आईआरडीएआई लेती है, जबकि अन्य प्रीमियम के दरों पर फैसला बीमा कंपनियां करती हैं.
साउथ इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन तथा साउथ जोन मोटर ट्रांसपोटर्स वेल्फेयर एसोसिएशन गुरुवार से बेमियादी हड़ताल पर है, जबकि ऑल इंडिया कॉन्फेडरेशन ऑफ गुड्स व्हीकल्स ऑनर्स एसोसिएशन शनिवार से हड़ताल में शामिल हुआ है. कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना तथा पुडुचेरी में गुरुवार से ही लगभग 22 लाख ट्रक संचालक हड़ताल पर हैं.
एसीओडीओए के अध्यक्ष चन्ना रेड्डी ने कहा कि वे थर्ड पार्टी बीमा में अचानक भारी बढ़ोतरी का विरोध करते हैं, जिसमें साल 2002 से लेकर अब तक 800 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है.
थर्ड पार्टी एक्सीडेंट क्लेम की बढ़ोतरी और मुआवजे के भुगतान को लेकर बीमा कंपनियों के तर्क पर सुब्रमणि ने कहा कि पहले उन्हें संख्याओं को पारदर्शी तरीके से दर्शाने दीजिए. अगर उनका कारोबार घाटे का है, तो फिर बीमा कंपनियां कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी के प्रीमियम में 70 फीसदी तथा थर्ड पार्टी पालिसी में दो फीसदी तक छूट की पेशकश कैसे कर रही हैं?
ट्रक ऑपरेटरों की इस हड़ताल से पांच राज्यों तथा एक केंद्रशासित प्रदेश को रोजाना 5,500 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. हड़ताल को देखते हुए महाराष्ट्र से लगभग 10,000 ट्रकों ने दक्षिण भारतीय राज्यों की तरफ जाना बंद कर दिया है.
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