तीन तलाक बिल पर आम सहमति नहीं बन पाने के बाद गुरुवार को मोदी सरकार ने बड़ा दांव चल दिया है. केंद्र सरकार ने इससे जुड़े अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसे मंजूरी दे दी है. बता दें कि तीन तलाक को अपराध करार दिए वाले अध्यादेश की मियाद 22 जनवरी को खत्म हो रही थी. संसद के शीतकालीन सत्र में तीन तलाक से जुड़े बिल को बिल को पास कराने की कोशिश की गई थी. लेकिन राज्यसभा में विपक्ष ने इसे पास नहीं होने दिया था. विपक्ष का तर्क था कि सरकार ने जल्दबाजी में इसे पेश किया था, इस पर सभी दलों की आम सहमति नहीं बन पाई थी.
लोकसभा में घमासान के बीच पास हुआ तीन तलाक विधेयक, सत्ता- विपक्ष के बीच यूं चले 'तीर'
अब इस बिल को बजट सत्र में पेश किया जाएगा. पहला अध्यादेश पिछले साल सितंबर में जारी किया गया था. पहले अध्यादेश को कानून का रूप प्रदान करने के लिए एक विधेयक राज्यसभा में लंबित है जहां विपक्ष इसे पारित किए जाने का विरोध कर रहा है. इस अध्यादेश के मुताबिक तीन तलाक में एफआईआर तभी होगी, जब पीड़ित पत्नी या उनका खून का कोई रिश्तेदार मामला दर्ज कराएगा. तत्काल तीन तलाक गैर जमानती अपराध रहेगा लेकिन मैजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत मिल सकेगी. अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद इस पर राजनीति तेज हो गई है.
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