शिक्षक भर्ती घोटाला के आरोप में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को ED की रिमांड के बाद अब 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 18 अगस्त को होनी है. बताया जा रहा है कि अर्पिता मुखर्जी को जेल के सेल में चार से अधिक साथी कैदियों के साथ नहीं रखा जाएगा. उनको दिए जाने वाले भोजन की पहले जांच होगी. साथ ही जेल सेल के आसपास 24 घंटे गार्ड की मौजूदगी रहेगी. बता दें कि अर्पिता मुखर्जी ने अनुरोध को ध्यान में रखते हुए कोलकाता की एक अदालत ने ये निर्देश दिए.
बता दें कि ED ने पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत की मांग की थी. ED के वीकल ने कोर्ट में कहा कि एजेंसी को फिलहाल दोनों आरोपियों से उनके घर से मिली कई चीजों को लेकर पूछताछ करनी है. इससे पहले मामले की जांच के दौरान ईडी ने अर्पिता मुखर्जी की कंपनियों के बैंक खातों से 8 करोड़ रुपये जब्त किए थे. जांच में पता चला था कि अर्पिता मुखर्जी की कंपनियों में भारी मात्रा में धन का शोधन किया गया था.
ED की जांच में पता चला था कि शेल कंपनियों के जरिए कंपनियों के पैसे की हेराफेरी की गई. इतना ही नहीं सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में अर्पिता ने कुछ लोगों के नाम भी बताए जो उनके बेलघोरिया वाले फ्लैट पर पैसे लेकर आते थे. जानकारी मिलने के बाद ईडी की टीम, उस फ्लैट पर पहुंची और सीसीटीवी के फुटेज को खंगाला गया ताकि पता लगाया जा सके कि अर्पिता सच बोल रही हैं या नहीं. बता दें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के कम से कम पांच बैंक खातों से लेनदेन पर रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू की थी, जिनमें जांच एजेंसी को कम से कम दो करोड़ रुपये मिले थे. एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा था कि मुखर्जी की कई “फर्जी कंपनियों” के बैंक खाते भी ईडी की जांच के दायरे में हैं. अधिकारी ने बताया, “मुखर्जी के पांच बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इन खातों में कुल करीब दो करोड़ रुपये मिले हैं. हमें संदेह है कि इन खातों का इस्तेमाल कई लेन-देन करने के लिए किया गया था और आगे की जांच की जा रही है.”
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