उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले देसी माइक्रोब्लॉगिंग कू ऐप (Koo App) पर जबरदस्त चुनावी सरगर्मी देखने को मिल रही है. हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की पार्टी के 31 बड़े नेताओं ने कू ऐप (Koo App) ज्वाइन किया है, जो ये साफ इशारा करता है कि तृणमूल कांग्रेस ने मजबूत विपक्ष बनने और सोशल मीडिया में बीजेपी से लोहा लेने के लिए इस स्वदेशी माइक्रोब्लॉगिंग ऐप पर अपना नया ठिकाना बनाया है. उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनावों के पहले पार्टी के इतने सारे नेताओं और कार्यकर्ताओं का कू ऐप (Koo App) ज्वाइन करना ये संकेत देता है कि पार्टी की नजर इस क्षेत्रीय भाषा वाले प्लेटफॉर्म के जरिए वोटर्स के बीच अपनी पैठ बनाने पर है.
आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में ही तृणमूल कांग्रेस और पार्टी के कद्दावर नेता अभिषेक बनर्जी ने कू ऐप (Koo App) ज्वाइन किया है, जिसके बाद से ही टीएमसी के नेताओं और समर्थकों का कू ऐप (Koo App) पर आने का सिलसिला चल रहा है.
क्यों कू ऐप पर टीएमसी बढ़ा रही है कुनबा?
टीएमसी की नजर पश्चिम बंगाल में होने वाले उपचुनावों के बाद उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा में होने वाले चुनावों पर है. माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश चुनावों में टीएमसी भी अपनी किस्मत आजमा सकती है. हिंदी भाषी इस प्रदेश में लोगों से जुड़ने का सबसे अच्छा तरीका ये ही हो सकता है कि क्षेत्रीय भाषा के जरिए लोगों के बीच अपनी पैठ बनाई जाए. टीएमसी ने इस फॉर्मूले को सही तरीके से अप्लाई करना शुरू कर दिया है, पार्टी ने डिजिटल दुनिया के जरिए लोगों से जुड़ने के लिए स्वदेशी ऐप कू ऐप पर अपना विस्तार करना शुरू कर दिया है.
तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज अब कू ऐप पर
तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने यूपी चुनावों के पहले इस स्वदेशी ऐप पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है. अभिषेक बनर्जी के कू ऐप पर आने के बाद जिन 31 बड़े नेताओं ने कू ऐप पर अपना आधिकारिक अकाउंट बनाया है, उनमें मलय घटक, शोभनदेव चट्टोपाध्याय, चंद्रिमा भट्टाचार्य, इंद्रनील सेन, रथिम घोष और मनोज तिवारी शामिल हैं. इन सब के अलावा भारी संख्या में टीएमसी के समर्थक भी कू ऐप पर जुड़ कर अपने नेताओं को फॉलो कर रहे हैं और बातचीत कर रहे हैं.
हिंदी सोशल मीडिया यूजर्स पर है सबकी नजर
तेजी से लोकप्रिय हो रहे स्वदेशी माइक्रोब्लॉगिंग साइट कू ऐप ने हाल ही में ये ऐलान किया था कि उसके 1 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हो गए हैं, जिनमें से करीब आधे यूजर्स हिंदी के हैं. ऐसे में ये साफ है कि बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के लोग कू ऐप पर हैं और हिंदी में अपनी बात रख रहे हैं. बीजेपी ने इस बात को पहले ही भांप लिया था और इस प्लेटफॉर्म से जुड़ गए थे. चुनाव को नजदीक आता देख विपक्ष भी इस बात को समझ गया है कि उत्तर प्रदेश के सत्ता का रास्ता हिंदी के साथ चल कर ही तय किया जा सकता है, और यही वजह है कि अब सभी विपक्षी पार्टियों ने कू ऐप का रुख कर लिया है. जानकारों की मानें तो इस स्वदेशी सोशल मीडिया ऐप पर यूपी चुनाव का घमासान देखने को मिलेगा.
कू ऐप पर विपक्ष की घेराबंदी
पिछले कुछ हफ्ते से कू ऐप पर विपक्षी पार्टियों के बड़े नेताओं के आने का सिलसिला जारी है. हाल ही में बहुजन समाज पार्टी के दिग्गज नेता व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भी कू ऐप पर अपना अकाउंट बनाया है. इसके अलावा राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेज प्रताप यादव ने भी कू ऐप ज्वाइन कर लिया है. इस स्वदेशी माइक्रोब्लॉगिग साइट पर पहले से ही आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह, आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर, अरविंद राजभर और अरुण राजभर मौजूद हैं और हिंदी भाषी प्रदेश के लोगों से उनकी ही भाषा में संवाद कर रहे हैं.
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