सेना के शीर्ष कमांडर सोमवार से शुरू होने वाले पांच दिवसीय सम्मेलन के दौरान चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों और बल की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के तरीकों की व्यापक समीक्षा करेंगे.अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की अध्यक्षता में होने वाले कमांडरों के सम्मेलन में चल रही सुधार प्रक्रिया सहित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 18 अक्टूबर को सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं. प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उन लोगों में शामिल हैं, जो सेना कमांडरों को संबोधित करेंगे. सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद भी “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने” पर एक व्याख्यान देंगे.
सेना ने कहा, “शीर्ष नेतृत्व भारतीय सेना की अभियानगत तैयारियों की समीक्षा करने के अलावा वर्तमान/उभरते सुरक्षा परिदृश्यों पर विचार-मंथन करेगा.”
उसने एक बयान में कहा, “वे वर्तमान सुधार प्रक्रिया, प्रशिक्षण मामलों, मानव संसाधन प्रबंधन पहलुओं तथा सेवारत कर्मियों और सेवानिवृत्त सैनिकों को प्रभावित करने वाले विषयों की समीक्षा सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे.”
इसमें कहा गया है, “सेना के कमांडरों का सम्मेलन, अपने व्यापक क्षेत्र के साथ, यह सुनिश्चित करता है कि भारतीय सेना प्रगतिशील, अग्रगामी, अनुकूलित और भविष्य के लिए तैयार रहे.”
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं