अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में आखिरी सुनवाई पूरी हुई, कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. सुप्रीम कोर्ट ने अन्य कुछ याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया और सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि अब बहुत हो चुका, हम शाम को पांच बजे उठ जाएंगे. लेकिन वह तय समय से एक घंटे पहले ही उठ गए और 40वें दिन कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई. दोनों ही पक्षों की ओर से अपनी-अपनी दलीलें रखी गईं.
आपको बता दें कि सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने हिन्दू महासभा के वकील विकास सिंह की ओर से पेश कि गए नक्शे को फाड़ दिया था. Live Updates के लिए क्लिक करें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की एक चुनावी रैली में एक व्यक्ति ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' पर सवाल उठाते हुए नारे लगाए और उनके मंच की तरफ कुछ कागज फेंके. हालांकि, प्रधानमंत्री ने अपना संबोधन जारी रखा. इस व्यक्ति ने चिल्लाते हुए कहा, ‘कहां है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ?' उसके बाद रैली में करीब पांच मिनट तक हो-हल्ला हुआ और करीब पांच मिनट बाद पुलिस ने इस व्यक्ति को पकड़ लिया.
रैली में सादी वर्दी में मौजूद पुलिसकर्मियों ने व्यक्ति को मीडिया ब्लॉक के निकट रोका और उसे वहां से ले गए. रैली में मौजूद कई श्रोता अपने स्थान से खड़े होकर यह देखने लगे कि आखिर चल क्या रहा है?
मनमोहन-राजन के काल में सरकारी बैंकों ने देखा था 'सबसे बुरा वक्त' : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) के शासनकाल के दौरान सरकारी बैंकों से दिए गए बैड लोन (ऐसे ऋण, जिनकी वापसी नहीं हुई) की भारी-भरकम रकम की तरफ इशारा करते हुए समस्याओं का ठीकरा उन आलोचकों के सिर पर ही फोड़ दिया है, जो अर्थव्यवस्था को लेकर उनकी आलोचना करते रहे हैं. निर्मला सीतारमण ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की 'जोड़ी' को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के 'सबसे बुरे दौर' के लिए ज़िम्मेदार करार दिया.
समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के मुताबिक, कोलम्बिया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स में मंगलवार को वित्तमंत्री ने कहा, "मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि राजन जो कुछ भी कहते हैं, वही महसूस करते हैं... और आज, मैं यहां उन्हें पूरा सम्मान देते हुए यह सच्चाई आप सबके सामने रखना चाहती हूं कि भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने उससे ज़्यादा बुरा वक्त कभी नहीं देखा, जब सिंह और राजन की जोड़ी प्रधानमंत्री और RBI गवर्नर के रूप में काम कर रही थी... उस वक्त, हममें से किसी को भी उस बारे में पता नहीं था..."
जहां तक भुखमरी और कुपोषण का सवाल है, हिन्दुस्तान अपने कदरन छोटे पड़ोसी मुल्कों नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भी पिछड़ा हुआ है. मानवीय सहायता के उद्देश्य से काम करने वाली दो अंतरराष्ट्रीय गैर-मुनाफा संस्थाओं द्वारा जारी की गई 117 मुल्कों की इस सूची में भारत 102वें स्थान पर है.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स, यानी GHI स्कोर के मामले में देशों को 100-सूत्री 'सीवियरिटी स्केल' (गंभीरता पैमाना) पर परखा जाता है, जिसमें शून्य (कोई भुखमरी नहीं) को बेहतरीन स्कोर माना जाता है, और 100 बदतरीन स्कोर होता है. रिपोर्ट के मुताबिक, 30.3 के स्कोर के साथ भारत भुखमरी के ऐसे स्तर से जूझ रहा है, जिसे गंभीर माना जाता है.
दीपिका पादुकोण ने खोला सुखी वैवाहिक जीवन का राज, बोलीं- शूटिंग पर नहीं जाते थे एक साथ, क्योंकि...
बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) और एक्टर रणवीर सिंह (Ranveer Singh) की जोड़ी बॉलीवुड की पसंदीदा जोड़ियों में से एक है. दोनों ने बीते साल नवंबर में ही शादी की थी, जिसकी कई फोटो और वीडियो खूब वायरल हुए थे. लेकिन हाल ही में दीपिका पादुकोण ने अपनी और रणवीर सिंह की शादी से जुड़ी एक बड़ी बात बताई है. पिंकविला की रिपोर्ट के मुताबिक, एक इंटरव्यू में दीपिका पादुकोण से पूछा गया कि शादी से पहले अगर वे दोनों गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड थे तो दोनों साथ क्यों नहीं रहते थे? मीडिया के इस सवाल पर दीपिका पादुकोण ने काफी जबरदस्त जवाब दिया है.
इंटरव्यू में दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) ने कहा, "अगर हम पहले ही एक-दूसरे के साथ रहने लग जाते तो हम बाद में एक-दूसरे के बारे में क्या ढूंढ पाते? इस साल ऐसा ही हुआ, हम एक साथ रहे और हमने एक दूसरे के बारे में कई चीजें जानीं. हमें लगता है कि हमने अपनी जिंदगी का सबसे सही निर्णय लिया है. मुझे मालूम है कि लोग शादी के बारे में क्या सोचते हैं लेकिन ऐसा हमारा अनुभव नहीं है. हम रीतियों में विश्वास करते हैं और हम इससे जुड़ी हर चीज का आनंद ले रहे हैं." इसके अलावा दीपिका पादुकोण ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि जब हम साथ शूटिंग कर रहे थे तो भी कई बार वे अलग-अलग सेट पर जाते थे.
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