
देश के दक्षिणी राज्यों के बाद उत्तर भारत में भी मॉनसून ने दस्तक देनी शुरू कर दी है. 17 जून को बिहार में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पहुंच गया है. इस साल भी मॉनसून ने राज्य के पूर्वी भागों में दस्तक की. अब जल्द ही मॉनसून दिल्ली पहुंच जाएगा. हालांकि दिल्ली में प्री-मॉनसून सीजन की बारिश का दौर शुरू हो चुका है, जो कि मॉनसून के आने का संकेत है. मंगलवार के दिन हुई बारिश ने लोगों को तपती गर्मी से राहत दिलाई. दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत का पूरा इलाका गर्मी से झुलस रहा था. मौसम का मिजाज ऐसा बदला कि लोगों के चेहरे खिलखिला उठे. वरना बीते कुछ दिनों में गर्मी ने ऐसी तौबा बुलवाई कि लोगों की हालत खराब हो गई, ना दिन में सुकून था और ना रात में. घरों के फैन, कूलर भी दम लगाकर दौड़ रहे थे पर गर्मी ऐसी कि वो भी हांफ गए. लेकिन तेज बारिश ने लोगों को गर्मी की मार से कुछ दिन तक राहत दिला दी है. हालांकि कल हुई बारिश से दिल्ली में कई जगहों पर पानी भर गया और लोगों को ट्रैफिक की समस्या से दो-चार होना पड़ा.

बिहार में पहुंचा मॉनसून दिल्ली कब आएगा?
बिहार में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पहुंच चुका है. दिल्ली में मॉनसून आमतौर पर 27–30 जून के बीच दस्तक देता है. मगर इस बार मॉनसून 10 दिन पहले शुरू हुआ — क्योंकि यह पहले के कुछ हिस्सों (केरल, महाराष्ट्र) में जल्दी पहुंचा था. IMD का अनुमान है कि मॉनसून 19–25 जून के बीच पहुंच सकता है. विशेषकर 22–25 जून को दिल्ली में छिटपुट बारिश की उम्मीद है. बुधवार से सोमवार तक की बारिश की संभावना, बादल और बूंंदाबांदी यही संकेत देती है कि मॉनसून प्रवेश करने लगा है. आईएमडी ने येलो अलर्ट भी जारी किया है.

🔹 मॉनसून का औसत आगमन ~ 27 जून
🔹 इस साल अनुमानित आगमन 19–25 जून
🔹 खासकर 22–25 जून तक आम बारिश संभव
🔹 पिछले साल 26–28 जून तक पहुंचा था
भारी जलभराव, ट्रैफिक में फंसे लोग
दिल्ली में मंगलवार को मानसून-पूर्व बारिश हुई, जिससे लोगों को झुलसती गर्मी से राहत मिली, लेकिन इस बीच कई इलाकों में जलभराव हो जाने के कारण ट्रैफिक की समस्या भी पैदा हो गई. मौसम के कारण दिल्ली हवाई अडडे पर 3 से 4 बजे के बीच 12 उड़ानों का मार्ग परिवर्तन करना पड़ा. भारी बारिश के कारण दिल्ली छावनी के पास अंडरपास, जखीरा अंडरपास, पुल प्रहलादपुर, आईटीओ, दिल्ली नजफगढ़ रोड और दिल्ली रोहतक रोड जैसे कई इलाके जलमग्न हो गए और घुटनों तक पानी भर जाने के कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई.

सफदरजंग में 10 मिलीमीटर बारिश हुई, लोधी रोड पर पांच मिलीमीटर, पूसा में 41 मिलीमीटर, नारायणा में 15 मिलीमीटर और आयानगर में 23 मिलीमीटर बारिश हुई. पालम और सफदरजंग मौसम केंद्र पर दोपहर ढाई बजे से तीन बजे तक और शाम साढ़े छह बजे 35-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो मौसम के औसत से 3.8 डिग्री कम था जबकि न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.5 डिग्री अधिक था.

दिल्ली में आज के लिए येलो अलर्ट
आईएमडी ने आज के लिए ‘येलो अलर्ट' जारी किया है, जिसमें विशेष रूप से रात के समय बिजली चमकने के साथ तूफान, हल्की से मध्यम वर्षा और 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवा चलने की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग देश में मौसम संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए चार रंगों का उपयोग करता है. ये रंग और इनके संदेश.... ग्रीन (किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं), येलो (नजर रखें और निगरानी करते रहें), ऑरेंज (तैयार रहें) और रेड (कार्रवाई/सहायता की जरूरत) हैं.

दिल्ली में आज कैसा रहेगा मौसम
इस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 34 और 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है. आईएमडी ने संभावित प्रभावों और एहतियातन उपायों पर प्रकाश डालते हुए तूफान की चेतावनी भी जारी की. इसने चेतावनी दी कि आकाशीय बिजली गिरने से खासतौर से खुले इलाकों में जान का खतरा हो सकता है. यातायात बाधित हो सकता है और विमान या ट्रेन सेवाओं में विलंब हो सकता है. पशुओं और घर के बाहर काम करने वाले लोगों के लिए जोखिम का उल्लेख किया गया है.

इसमें कहा गया है कि लोगों को घरों के अंदर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है. बिजली गिरने से होने वाले नुकसान से बचने के लिए तूफान के दौरान बिजली के उपकरणों को बंद रखने की सलाह दी गई है. लोगों को पेड़ों या धातु की संरचनाओं के नीचे शरण लेने और बिजली गिरने के दौरान बाहर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने के खिलाफ आगाह किया गया है. आईएमडी ने लोगों को उसकी वेबसाइट के जरिए और पुष्ट मीडिया माध्यमों के जरिए आधिकारिक जानकारी प्राप्त करने की सलाह दी है.
राजस्थान में भी जमकर बरसे बदरा
राजस्थान के अजमेर में सोमवार को हुई तेज बारिश के बाद मंगलवार सुबह 8 बजे तक शहर की कई सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी रही. जयपुर रोड पर पानी जमा होने से वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. ट्रैफिक धीमा रहा और कई जगहों पर जाम लग गया. जल निकासी की खराब व्यवस्था के कारण पानी सड़कों पर लंबे समय तक जमा रहा, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ गया. बारिश के मौसम की शुरुआत में ऐसी समस्याओं ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए.

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में मंगलवार सुबह से झमाझम बारिश हुई. इस बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी, क्योंकि धान की रोपाई के लिए मौसम अनुकूल हो गया है. गर्मी और उमस से परेशान लोगों को भी राहत मिली. जशपुर में दिनभर बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है. यहां मध्यम से भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. किसानों को खेतों में पानी के प्रबंधन की सलाह दी गई.
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