Todabhim Election Results 2023: जानें, टोडाभीम (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

टोडाभीम विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 254728 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 107691 ने कांग्रेस उम्मीदवार पृथ्वी राज को वोट देकर जिताया था, जबकि 34385 वोट पा सके भाजपा प्रत्याशी रमेश चंद्र 73306 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Todabhim Election Results 2023: जानें, टोडाभीम (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत राजस्थान में 25 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

उत्तर भारत के अहम राज्यों में शुमार होने वाले राजस्थान (Rajasthan Assembly Elections 2023) राज्य के पूर्व क्षेत्र में मौजूद है करौली जिला, जहां बसा है टोडाभीम विधानसभा क्षेत्र, जो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 254728 मतदाता थे, और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार पृथ्वी राज को 107691 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि भाजपा उम्मीदवार रमेश चंद्र को 34385 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 73306 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में टोडाभीम विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार घनश्याम ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 50955 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर एनपीईपी उम्मीदवार पृथ्वी राज मीणा को 43946 वोट मिल पाए थे, और वह 7009 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में टोडाभीम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार किरोड़ी लाल को कुल 87239 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी मातादीन दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 53327 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 33912 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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वैसे, गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राजस्थान में कामयाबी मिली थी, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछड़ गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार होने वाले अशोक गहलोत को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, और इस समय वह एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बूते लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल होने की उम्मीद कर रहे हैं. दूसरी ओर, BJP भी गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और लगातार बढ़ते अपराधों के मुद्दों को लेकर ज़ोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटी है, और उसे भी पूरी उम्मीद है कि राजस्थान की जनता द्वारा हर पांच साल में सत्ता बदलने की परिपाटी जारी रहेगी, और इस बार उन्हें कामयाबी ज़रूर हासिल होगी.