नई दिल्ली:
केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने दो मछुआरों की हत्या के दो आरोपी इतालवी मरीनों को वापस लाने को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।
इटली द्वारा अपने दो मरीनों को वापस भारत नहीं भेजे जाने के फैसले को चांडी ने एक ‘राजनयिक त्रासदी’ बताते हुए कहा कि राजनयिक दर्जे की आड़ में वे बच निकलने नहीं चाहिए और यहां मुकदमे की कार्यवाही के लिए उनकी वापसी सुनिश्चित करना केंद्र की जिम्मेदारी है।
केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ सरकार इस मुद्दे को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं का सामना कर रही है।
चांडी ने कहा कि उसने कूटनीति का इस्तेमाल एक अन्य देश के शीर्ष न्यायालय को ‘धोखा देने के हथियार’ के रूप में और हत्यारों को बचाने के लिए किया है। उन्होंने कहा, ‘इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा। मरीनों पर भारतीय कानून के मुताबिक मुकदमा चलना चाहिए। राजनयिक दर्जे का इस्तेमाल किसी अन्य राष्ट्र की न्यायपालिका को धोखा देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इसका इस्तेमाल हत्यारों को बचाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।’
इटली द्वारा अपने दो मरीनों को वापस भारत नहीं भेजे जाने के फैसले को चांडी ने एक ‘राजनयिक त्रासदी’ बताते हुए कहा कि राजनयिक दर्जे की आड़ में वे बच निकलने नहीं चाहिए और यहां मुकदमे की कार्यवाही के लिए उनकी वापसी सुनिश्चित करना केंद्र की जिम्मेदारी है।
केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ सरकार इस मुद्दे को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं का सामना कर रही है।
चांडी ने कहा कि उसने कूटनीति का इस्तेमाल एक अन्य देश के शीर्ष न्यायालय को ‘धोखा देने के हथियार’ के रूप में और हत्यारों को बचाने के लिए किया है। उन्होंने कहा, ‘इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा। मरीनों पर भारतीय कानून के मुताबिक मुकदमा चलना चाहिए। राजनयिक दर्जे का इस्तेमाल किसी अन्य राष्ट्र की न्यायपालिका को धोखा देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इसका इस्तेमाल हत्यारों को बचाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।’
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