प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद युवक को तीन दिनों की अंतरिम जमानत दे दी है। दिल्ली विश्वविद्यालय की कानून प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए अभियुक्त को अंतरिम जमानत दी गई है।
अदालत का मानना है कि अभियुक्त को कानून पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के अवसर से वंचित नहीं रखा जा सकता।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश गुरदीप सिंह ने कहा, 'इस बात को ध्यान में रखते हुए कि आवेदक आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहता है। उसे कानून पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के अवसर से वंचित नहीं रखा जा सकता।'
निर्विकार सिंह की दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय में प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की इच्छा थी। सिंह को पांच जून से सात जून तक अंतरिम जमानत दी गई है।
अदालत ने उसे एक लाख रुपये की बॉन्ड राशि और इतनी राशि का ही मुचलका भरने का निर्देश दिया है। सिंह के वकील प्रमोद कुमार दुबे ने अदालत को बताया कि वह इस दौरान जांच को प्रभावित नहीं करेगा।
सीबीआई के अभियोजक के.पी. सिंह ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यदि आवेदक प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लेना चाहता है तो उसे न्यायित हिरासत में रहकर प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की मंजूरी दी जाए।
अभियोजक का कहना है कि अभियुक्त काफी प्रभावशाली व्यक्ति है और वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है।
निर्विकार सिंह पंजाब के राज्यपाल का अंगरक्षक है। उसे 13 मई को भूपिंदर सिंह नामक व्यक्ति से घूस लेते हुए पकड़ा गया था।
निर्विकार ने भूपिंदर को बताया था कि वह एक वरिष्ठ जांच अधिकारी के जरिए मामले का निपटारा कर सकता है। इसके एवज में वह निर्विकार को 15-15 लाख रुपये की दो किस्तों के जरिए 30 लाख रुपये का भुगतान करने को तैयार हो गया।
अदालत का मानना है कि अभियुक्त को कानून पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के अवसर से वंचित नहीं रखा जा सकता।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश गुरदीप सिंह ने कहा, 'इस बात को ध्यान में रखते हुए कि आवेदक आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहता है। उसे कानून पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के अवसर से वंचित नहीं रखा जा सकता।'
निर्विकार सिंह की दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय में प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की इच्छा थी। सिंह को पांच जून से सात जून तक अंतरिम जमानत दी गई है।
अदालत ने उसे एक लाख रुपये की बॉन्ड राशि और इतनी राशि का ही मुचलका भरने का निर्देश दिया है। सिंह के वकील प्रमोद कुमार दुबे ने अदालत को बताया कि वह इस दौरान जांच को प्रभावित नहीं करेगा।
सीबीआई के अभियोजक के.पी. सिंह ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यदि आवेदक प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लेना चाहता है तो उसे न्यायित हिरासत में रहकर प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की मंजूरी दी जाए।
अभियोजक का कहना है कि अभियुक्त काफी प्रभावशाली व्यक्ति है और वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है।
निर्विकार सिंह पंजाब के राज्यपाल का अंगरक्षक है। उसे 13 मई को भूपिंदर सिंह नामक व्यक्ति से घूस लेते हुए पकड़ा गया था।
निर्विकार ने भूपिंदर को बताया था कि वह एक वरिष्ठ जांच अधिकारी के जरिए मामले का निपटारा कर सकता है। इसके एवज में वह निर्विकार को 15-15 लाख रुपये की दो किस्तों के जरिए 30 लाख रुपये का भुगतान करने को तैयार हो गया।
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