
- टेढ़ा क्षेत्र में वनकर्मियों ने आक्रामक टाइग्रेस से अपनी जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़कर सुरक्षित किया.
- वन विभाग ने टाइगर्स की बढ़ती संख्या के कारण गश्त बढ़ा दी है ताकि मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोका जा सके.
- रामनगर वनप्रभाग में टाइगर्स की संख्या में वृद्धि जैव विविधता और संरक्षण प्रयासों की सफलता दर्शाती है.
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के रामनगर वनप्रभाग के टेढ़ा क्षेत्र में वनकर्मियों की सतर्कता और साहस ने एक संभावित बड़ी दुर्घटना को टाल दिया. नियमित गश्त पर निकले चार वनकर्मी उस समय संकट में पड़ गए जब टेढ़ा कुलबन्दा नाले के पास अचानक एक वयस्क टाइग्रेस अपने दो शावकों के साथ उनके सामने आ गई. टाइग्रेस का व्यवहार आक्रामक था, जिससे स्थिति बेहद खतरनाक हो गई. बिना समय गंवाए, वनकर्मियों ने पेड़ पर चढ़कर खुद को सुरक्षित किया और वहां से दुबककर अपनी जान बचाई.
रेंज अधिकारी शेखर तिवारी ने बताया, "वनकर्मी रोजाना की तरह सतर्कता के साथ गश्त पर थे. अचानक टाइग्रेस और उसके शावकों के सामने आने पर उन्होंने तात्कालिक निर्णय लेते हुए पेड़ पर चढ़ना ही उचित समझा." उन्होंने यह भी बताया कि टाइगर्स की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है और क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी अनहोनी की पुनरावृत्ति न हो.
हाल ही में हुए वन विभाग के सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि रामनगर वनप्रभाग में टाइगर्स की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. वन्यजीव विशेषज्ञ संजय छिम्वाल के अनुसार, यह वृद्धि जैव विविधता के स्वस्थ होने का संकेत है और वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों की सफलता को दर्शाती है. हालांकि, इसके साथ मानव-वन्यजीव संघर्ष की संभावना भी बढ़ गई है, जिसके चलते वन विभाग ने निगरानी और गश्त को और सख्त कर दिया है.
वनकर्मियों के लिए ऐसे खतरनाक हालात कोई नई बात नहीं हैं. उन्हें अक्सर अपनी सूझबूझ और साहस के बल पर खुद को सुरक्षित करना पड़ता है. पिछले कुछ वर्षों में रामनगर वनप्रभाग में टाइगर्स के हमले की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिसके चलते वन विभाग ने विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं.
रेंज अधिकारी तिवारी ने बताया कि वर्तमान में टेढ़ा क्षेत्र में विशेष गश्त अभियान चलाया जा रहा है. टाइगर्स की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गांव के समीपवर्ती क्षेत्रों में भी अतिरिक्त वनकर्मियों की तैनाती की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टाइगर्स गांव की ओर न बढ़ें और स्थानीय लोगों को कोई खतरा न हो.
स्थानीय पर्यावरण प्रेमी नमित अग्रवाल ने वन विभाग की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा, "वन्यजीव संरक्षण के साथ-साथ मानव सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है." यह घटना वन्यजीव संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती को उजागर करती है. वनकर्मियों की बहादुरी, समय पर लिया गया निर्णय और सतर्कता ने एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया.
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