प्रतीकात्मक फोटो
देहरादून:
उत्तराखंड व पश्चिमी उत्तरप्रदेश के वन क्षेत्र में बावरिया गिरोह के सदस्यों द्वारा विलुप्त प्राय वन्य जीवों का अवैध रूप से शिकार कर उनके अंगों को नेपाल और तिब्बत क्षेत्र के तस्करों को भेजा जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ को इस संबंध में मिली सूचनाओं के बाद पुलिस की एक टीम का गठन किया गया, जिसने अंतरराष्ट्रीय गिरोह के एक सदस्य रामचन्द्र उर्फ चन्दर पुत्र बीरबल को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।
आरोपी के पास से पांच टाइगर स्किन व तीन बैग टाइगर बोन्स (करीब 125 किलो) बरामद किए गए हैं। उसके चार अन्य साथी भागने में सफल रहे। रामचन्द्र उर्फ चन्दर ने पूछताछ में बताया है कि उसने अपने साथियों हजारी, रामभगत, मुख्तयार और माडिया के साथ मिलकर हरिद्वार, कोटद्वार तथा नजीबाबाद के घने जंगल से यह शिकार किए हैं। जंगलों में लाठी-भालों से शिकार करके ये टाइगर स्किन व बोन्स को ले जाने वाले थे, जहां एक पार्टी से उनकी डील होनी थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बरामद माल की कीमत 70 लाख से भी अधिक आंकी गई है। आरोपियों के खिलाफ थाना श्यामपुर हरिद्वार में वन्य जीव जन्तु (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई की गई है।
आरोपी के पास से पांच टाइगर स्किन व तीन बैग टाइगर बोन्स (करीब 125 किलो) बरामद किए गए हैं। उसके चार अन्य साथी भागने में सफल रहे। रामचन्द्र उर्फ चन्दर ने पूछताछ में बताया है कि उसने अपने साथियों हजारी, रामभगत, मुख्तयार और माडिया के साथ मिलकर हरिद्वार, कोटद्वार तथा नजीबाबाद के घने जंगल से यह शिकार किए हैं। जंगलों में लाठी-भालों से शिकार करके ये टाइगर स्किन व बोन्स को ले जाने वाले थे, जहां एक पार्टी से उनकी डील होनी थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बरामद माल की कीमत 70 लाख से भी अधिक आंकी गई है। आरोपियों के खिलाफ थाना श्यामपुर हरिद्वार में वन्य जीव जन्तु (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई की गई है।
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