प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
अधिकारों को लेकर लोगों का सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाना कोई नहीं बात नहीं है लेकिन यह अपने तरह का अलग मामला है जब 6 से 14 महीने के बच्चों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर साफ हवा में सांस लेने के अधिकार की मांग करते हुए निर्देश देने की मांग की है।
याचिका में मांग की गई है कि दशहरा और दीवाली जैसे त्योहारों पर पटाखों की ब्रिकी पर रोक लगाई जाए। इन बच्चों अर्जुन गोपाल, आरव भंडारी और जोया राव की ओर से उनके पिताओं ने दायर जनहित याचिका में कहा है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते हालात खराब हो रहे हैं।
दिल्ली में त्योहार के वक्त पटाखों की वजह से कई बीमारियां भी हो रही हैं। इसके अलावा रोक के बावजूद खुले में मलबा भी फेंका जा रहा है। इसके साथ ही राजधानी के आसपास करीब 500 टन फसलों के अवशेष जलाए जाते हैं। इतना ही नहीं ट्रकों की वजह से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और इनकी वजह से फेंफड़े संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट कोई ठोस दिशा निर्देश जारी करे और प्रदूषण पर रोक लगाए। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते कर सकता है।
याचिका में मांग की गई है कि दशहरा और दीवाली जैसे त्योहारों पर पटाखों की ब्रिकी पर रोक लगाई जाए। इन बच्चों अर्जुन गोपाल, आरव भंडारी और जोया राव की ओर से उनके पिताओं ने दायर जनहित याचिका में कहा है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते हालात खराब हो रहे हैं।
दिल्ली में त्योहार के वक्त पटाखों की वजह से कई बीमारियां भी हो रही हैं। इसके अलावा रोक के बावजूद खुले में मलबा भी फेंका जा रहा है। इसके साथ ही राजधानी के आसपास करीब 500 टन फसलों के अवशेष जलाए जाते हैं। इतना ही नहीं ट्रकों की वजह से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और इनकी वजह से फेंफड़े संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट कोई ठोस दिशा निर्देश जारी करे और प्रदूषण पर रोक लगाए। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते कर सकता है।
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