कर्नाटक उच्च न्यायालय के प्रेस सूचना अधिकारी द्वारा खुद के अलावा कई न्यायाधीशों को भी जान का खतरा होने संबंधी शिकायत दर्ज कराये जाने के बाद यहां केंद्रीय ‘सीईएन' अपराध पुलिस थाने में अज्ञात संदिग्धों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी. के. मुरलीधर ने 14 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी. उन्हें 12 जुलाई को शाम करीब 7 बजे एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से व्हाट्सएप मैसेंजर पर संदेश मिला था. उनका मोबाइल नंबर उन्हें आधिकारिक तौर पर उच्च न्यायालय द्वारा प्रदान किया गया है.
पुलिस ने कहा कि हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में आए संदेश में मुरलीधर और उच्च न्यायालय के छह न्यायाधीशों को 'दुबई गिरोह' के माध्यम से कथित तौर पर जान से मारने की धमकी दी गई है. इन न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति मोहम्मद नवाज, न्यायमूर्ति एच टी नरेंद्र प्रसाद, न्यायमूर्ति अशोक जी निजगन्नावर (सेवानिवृत्त), न्यायमूर्ति एच पी संदेश, न्यायमूर्ति के नटराजन और न्यायमूर्ति बी वीरप्पा (सेवानिवृत्त) शामिल हैं.
संदेश में पांच संदिग्ध मोबाइल फोन नंबर और धमकी भी थी.
प्राथमिकी 14 जुलाई को दर्ज की गई, जिसमें कहा गया है कि धमकी भरे संदेश में पाकिस्तान के एक बैंक खाते में 50 लाख रुपये जमा करने को कहा गया है.
पुलिस ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 506, 507 और 504 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 75 और 66 (एफ) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के बाद, उसने इसे प्रथम अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत को सौंप दिया है.
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