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आतंकियों के साथ यही सलूक होना चाहिए... पहलगाम में 11 पर्यटकों की जान बचाने वाले नजाकत से खास बातचीत

एनडीटीवी के साथ बात करते हुए नजाकत ने 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए उस भयावह घटना को याद किया.

आतंकियों के साथ यही सलूक होना चाहिए... पहलगाम में 11 पर्यटकों की जान बचाने वाले नजाकत से खास बातचीत

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए खौफनाक आतंकी हमले के जिम्मेदार आतंकियों को हाल ही में सुरक्षाबलों ने मार गिराया. उस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, लेकिन इस दौरान 11 लोगों की जान बचाने वाले नजाकत की बहादुरी की हमेशा से चर्चा होती रही है.  एनडीटीवी से बातचीत में नजाकत ने भारत सरकार व सुरक्षाबलों का आभार जताया है. 

22 अप्रैल को बैसरन घाटी में अपने दोस्तों के साथ गए नजाकत ने उस भयावह मंजर को याद किया, जब आतंकियों ने पहलगाम में हमला किया था. नजाकत ने बताया, “मैंने आतंकियों को नहीं देखा, इसलिए उनके बारे में ज्यादा नहीं बता सकता, लेकिन मैंने छत्तीसगढ़ के चार परिवारों के 11 लोगों को सुरक्षित निकाला.” इस हमले में नजाकत के एक रिश्तेदार की भी मौत हो गई थी, जिसका दर्द उनकी बातों में साफ झलकता है.

नजाकत ने कहा कि आतंकियों का खात्मा बहुत जरूरी था. यह पीड़ितों के लिए बड़ा इंसाफ है. अगर कोई आतंकी बचा है, तो उसके साथ भी यही होना चाहिए.  उन्होंने आतंकियों के मंसूबों को उजागर करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य कश्मीर के टूरिज्म को तबाह करना था, जो इस क्षेत्र की आर्थिक रीढ़ है. नजाकत इस समय अमरनाथ यात्रा में व्यस्त हैं और उन्होंने बताया कि वे अभी बाकी लोगों से ज्यादा बात नहीं कर पाए हैं. 

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