लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब नई सरकार के गठन की तैयारियां शुरू हो चुकी है. 9 जून को पीएम मोदी का शपथ ग्रहण समारोह संभावित है. इस पहले मंगलवार को दिल्ली में एनडीए की बैठक हुईं. शपथ ग्रहण समारोह के लिए दक्षिण एशिया के शीर्ष नेताओं को आमंत्रित किया गया है, जिससे जाहिर हो रहा है कि एक बार फिर से सरकार की पड़ोसी पहले की नीती पर कायम है. बांग्लादेश और श्रीलंका के नेताओं ने फोन पर पीएम मोदी से बात करने के बाद शनिवार के कार्यक्रम में अपनी मौजूदगी की पुष्टि कर दी है.
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय की मीडिया टीम ने कहा कि उन्होंने शनिवार के कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है और प्रधानमंत्री मोदी को उनकी चुनावी जीत के लिए बधाई भी दी है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देने वाले पहली विदेशी नेताओं में से एक थीं, जिससे पता चलता है कि दोनों नेताओं के बीच तालमेल बहुत अच्छा है. बांग्लादेश मीडिया के अनुसार, वह कार्यक्रम से एक दिन पहले शुक्रवार को दिल्ली पहुंचेंगी.
रिपोर्टों के अनुसार नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड', उनके भूटान के समकक्ष शेरिंग तोबगे और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ को भी औपचारिक निमंत्रण भेजा गया है. इस बार बीजेपी बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई, लेकिन एनडीए ने लोकसभा की 543 सीटों में से 293 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. तेलुगु देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू और जनता दल-यूनाइटेड के प्रमुख नीतीश कुमार सहित एनडीए के सहयोगी दलों ने कल प्रधानमंत्री आवास पर मुलाकात की और सर्वसम्मति से पीएम मोदी को गठबंधन का नेता चुना.
2014 में, सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) देशों के नेताओं ने पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था, और 2019 में, बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) देशों के नेताओं ने उनके शपथ समारोह में भाग लिया.
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