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ORS के नाम पर बिक रहे फलों के जूस... FSSAI ने सभी राज्यों के लिए जारी किया आदेश, कहा- जल्द हो बिक्री बंद

FSSAI ने साफ किया कि असली मेडिकल ओआरएस पर कोई रोक नहीं है. FSSAI ने राज्यों से कहा है कि वो ई-कॉमर्स प्लटेफॉर्म और दुकानों पर तुरंत निरीक्षण करें.

ORS के नाम पर बिक रहे फलों के जूस... FSSAI ने सभी राज्यों के लिए जारी किया आदेश, कहा- जल्द हो बिक्री बंद
फर्जी ORS पर FSSAI का बड़ा फैसला
  • FSSAI ने ORS के नाम पर बेचे जा रहे फलों के जूस और इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं
  • कई उत्पादों में WHO के असली ORS फॉर्मूले और चिकित्सीय प्रभाव की कमी पाई गई है
  • कंपनियां पैकेजिंग पर ORS लिखकर उपभोक्ताओं को भ्रमित कर रही हैं, जो खाद्य सुरक्षा कानून का उल्लंघन है
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नई दिल्ली:

अगर आप भी ORS के नाम पर बगैर कुछ देखे कोई भी चीज पी ले रहे हैं तो जरा सावधान हो जाइये. ऐसा इसलिए क्योंकि हो सकता है आपको ORS बतकार किसी फल का जूस या इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स बेच दिया जा रहा हो. FSSAI ने ORS के नाम से बेचे जा रहे फलों के जूस और इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए सभी राज्यों को इसपर रोक लगाने का आदेश दिया है. FSSAI ने सभी राज्यों को तुरंत छापेमारी और कार्रवाई करने को भी कहा है.

FSSAI का मानना है कि ORS की तरफ असली पैकेजिंग करके इस तरह के पेय पदार्थ को बेचकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है. आपको बता दें कि 15 अक्टूबर को भी FSSAI ने एक ऐसा ही आदेश दिया था. FSSAI ने अपने हालिया आदेश में कहा है कि कई उत्पादों में WHO वाला असली ओआरएस फॉर्मूला नहीं होता, न ही कोई चिकित्सीय असर होता है. इसके बावजूद कंपनियां पैकेज पर ‘ORS' लिखकर दवा जैसा भ्रम पैदा कर रही हैं. यह खाद्य सुरक्षा कानून 2006 का उल्लंघन है.

FSSAI ने साफ किया कि असली मेडिकल ओआरएस पर कोई रोक नहीं है. FSSAI ने राज्यों से कहा है कि वो ई-कॉमर्स प्लटेफॉर्म और दुकानों पर तुरंत निरीक्षण करें. साथ ही गलत उत्पाद हटाने, कंपनियों पर रेगुलेटरी एक्शन लेने और रिपोर्ट दिल्ली को भेजने के निर्देश दिए गए हैं. FSSAI ने माना कि आदेशों के बावजूद बाजार में ऐसे उत्पाद बिक रहे हैं, इसलिए अब सख्त कार्रवाई जरूरी है.

पिछले आदेश में कहा था - अब ORS शब्द पर बैन

FSSAI ने अक्टूबर में जारी अपने आदेश में कहा था कि पहले 14 जुलाई 2022 और 2 फरवरी 2024 के आदेशों में ORS शब्द को ब्रांड नाम में प्रीफिक्स (शुरुआत में) या सफिक्स (अंत में) जोड़ने की अनुमति दी गई थी. बशर्ते उत्पाद पर यह चेतावनी लिखी जाए-The product is NOT an ORS formula as recommended by WHO, इसका मतलब ये हुआ कि यह उत्पाद WHO द्वारा अनुशंसित ओआरएस फॉर्मूला नहीं है. उस दौरान ये दोनों पुराने आदेश रद्द कर दिए गए है.

FSSAI ने ORS को लेकर क्या कहा था?

FSSAI ने अपने अक्टूबर वाले आदेश में साफ कर दिया था कि किसी भी खाद्य उत्पाद जैसे फलों पर आधारित पेय, नॉन-कार्बोनेटेड ड्रिंक, रेडी-टू-ड्रिंक बेवरेज आदि में ORS शब्द का किसी भी रूप में ब्रांड नाम में, प्रीफिक्स/सफिक्स के साथ या बिना उपयोग के कानून का उल्लंघन माना जाएगा. ऐसा करना उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाला और FSSAI Act, 2006 की धारा 23 और 24 का उल्लंघन माना जायेगा.

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