
ऑपरेशन सिंदूर पर सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि युद्ध में नुकसान होता है लेकिन नुकसान महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण है कि आपने क्या लक्ष्य पाया. उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों ने सैन्य क्षमता का विकास किया है लेकिन किसी ने भी अपनी सैन्य क्षमता को असल में युद्ध के मैदान में कभी इस्तेमाल नहीं किया था.
उनका यह बयान सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में ‘भविष्य के युद्ध' पर एक विशेष व्याख्यान देते समय आया, जहां उन्होंने वैश्विक संघर्ष, बढ़ती तकनीकी चुनौतियों के उभरते स्वरूप के बारे में बात की थी.
#WATCH | Pune | Chief of Defence Staff (CDS) General Anil Chauhan says, "...The whole starting point of this particular war was the Pahalgam terror attack. Is terrorism a rational act of warfare? I don't think that's because terrorism has no defined logic...As far as our… pic.twitter.com/XHu1ZaKoFV
— ANI (@ANI) June 3, 2025
उन्होंने कहा, "इस युद्ध की शुरुआत पहलगाम आतंकी हमले से हुई थी. क्या आतंकवाद युद्ध का एक तर्कसंगत कार्य है? मुझे नहीं लगता कि ऐसा इसलिए है क्योंकि आतंकवाद का कोई परिभाषित तर्क नहीं है... जहां तक हमारे विरोधी का सवाल है, उसने भारत को हजारों घाव देकर खून बहाने का फैसला किया है...1965 में, जुल्फिकार अली भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए भारत के खिलाफ एक हजार साल के युद्ध की घोषणा की थी..."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं